कर्नाटक की जनता को महंगाई का एक और झटका लगा है। 1 अप्रैल से राज्य में दूध की कीमतों में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी। यह घोषणा राज्य के सहकारी मंत्री के. एन. राजन्ना ने बृहस्पतिवार को की। उन्होंने बताया कि यह फैसला दूध संघों और किसानों के दबाव के चलते लिया गया है।
क्यों बढ़ाई गई दूध की कीमत?
मंत्री राजन्ना ने स्पष्ट किया कि दूध की कीमतों में वृद्धि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) द्वारा तय की गई है। उन्होंने कहा:
“दूध संघों ने 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की मांग की थी। सरकार ने इस पर विचार करते हुए 4 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दी। यह पूरी राशि किसानों को जाएगी।”
मंत्री के अनुसार, यह बढ़ोतरी किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए की गई है, ताकि वे उच्च उत्पादन लागत का सामना कर सकें।
अन्य राज्यों की तुलना में कर्नाटक में दूध के दाम कम
KMF के अध्यक्ष भीमा नाइक ने बताया कि कर्नाटक में अन्य राज्यों की तुलना में दूध की कीमतें कम थीं। उन्होंने कहा:
“KMF रोजाना 86 लाख से 1 करोड़ लीटर दूध खरीदता है। फिलहाल, कर्नाटक में 1 लीटर दूध 42 रुपये में बेचा जाता है, जबकि अन्य राज्यों में इसकी कीमत अधिक है:”
राज्य | दूध की कीमत (प्रति लीटर) |
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गुजरात | 53 रुपये |
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना | 58 रुपये |
दिल्ली और महाराष्ट्र | 56 रुपये |
केरल | 54 रुपये |
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को उनकी लागत के हिसाब से सही कीमत मिलनी चाहिए, इसलिए यह वृद्धि जरूरी थी।
बस, मेट्रो और बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद दूध भी महंगा
दूध की कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब बस और मेट्रो किराए के साथ-साथ बिजली की दरों में भी वृद्धि हो रही है। इस कारण आम जनता को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ सकता है।
पिछले साल भी हुई थी कीमतों में बढ़ोतरी
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KMF ने पिछले साल दूध के दाम में 2 रुपये प्रति पैकेट की बढ़ोतरी की थी।
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हालांकि, उस समय प्रति पैकेट दूध की मात्रा 50 मिलीलीटर बढ़ाई गई थी, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा असर महसूस नहीं हुआ था।
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लेकिन इस बार कीमतें बढ़ने के बावजूद मात्रा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नंदिनी ब्रांड के दूध के दाम पर असर
KMF अपने ‘नंदिनी’ ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों की बिक्री करता है।
मौजूदा कीमतें:
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1,050 मिलीलीटर नंदिनी टोंड दूध (नीला पैकेट) की कीमत 44 रुपये है।
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1 अप्रैल के बाद यह कीमत बढ़कर 48 रुपये हो जाएगी।