सब्जियों की महंगाई: पिछले महीने के आखिरी हफ्ते से देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. जहां एक ओर मानसून की दस्तक से लोगों को रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर बदलते मौसम का असर लोगों की जेब पर भी पड़ने लगा है. बारिश के कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है.
हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण ज्यादातर लोगों के घरेलू बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा सब्जियों पर खर्च हो रहा है। यह सर्वे कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स ने कराया है। सर्वे से पता चला कि 10 में से 6 लोग अपने साप्ताहिक बजट का 50 प्रतिशत से अधिक सब्जियां खरीदने पर खर्च कर रहे हैं । यानी कीमतों में बढ़ोतरी के साथ 60 फीसदी भारतीयों के कुल खर्च में सब्जियों का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा हो गया है.
टमाटर के दाम बढ़ने से लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. लोकल सर्कल्स के इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 71 फीसदी लोगों का कहना है कि वे 50 रुपये प्रति किलो या उससे ज्यादा कीमत देकर टमाटर खरीद रहे हैं. जबकि 18 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें टमाटर खरीदने के लिए फिलहाल 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है.
इस सर्वे में देश के 393 जिलों में रहने वाले 41 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. लोकल सर्कल्स के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल लोगों में 62 प्रतिशत पुरुष थे, जबकि महिलाओं की भागीदारी 38 प्रतिशत थी। सर्वे में बड़े शहरों (टियर-1) के लोगों की भागीदारी 42 फीसदी रही. जबकि टियर-2 शहरों से 25 फीसदी लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया. सर्वेक्षण में शामिल 33 प्रतिशत लोग टियर-3 और टियर-4 शहरों या ग्रामीण क्षेत्रों से थे।
इससे पहले भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चौंकाने वाली बातें सामने आ चुकी हैं. जून महीने में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर 5 फीसदी के पार पहुंच गई है. जून में खुदरा महंगाई दर 5.08 फीसदी रही, जो 4 महीने में सबसे ज्यादा है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि जून में खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमत में वृद्धि का था। इससे पहले क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा था कि जून महीने में खाने की थालियों की कीमतों में सालाना आधार पर 10 फीसदी का इजाफा हुआ है.