हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि IndusInd Bank के CEO और Deputy CEO जल्द ही अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। इन खबरों में यह भी कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक में अकाउंटिंग गड़बड़ी को लेकर शीर्ष अधिकारियों पर भरोसा खो दिया है।
लेकिन अब खुद IndusInd Bank ने इन सभी खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। बैंक ने साफ शब्दों में कहा है कि यह सभी रिपोर्ट्स तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं।
बैंक का बयान: “CEO और Deputy CEO के इस्तीफे की खबरें झूठी हैं”
इंडसइंड बैंक के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा,
“हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बैंक के सीईओ और डेप्युटी सीईओ के कार्यकाल को लेकर जो हाल की मीडिया रिपोर्ट्स आई हैं, वे तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। बैंक इन खबरों का दृढ़ता से खंडन करता है। फैलाई जा रही जानकारी पूरी तरह से झूठी है और वास्तविक स्थिति को प्रदर्शित नहीं करती है।”
इस स्पष्टीकरण के बाद यह तय हो गया है कि फिलहाल बैंक के उच्च अधिकारियों के इस्तीफे को लेकर कोई आधिकारिक या आंतरिक निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI का निर्देश और रॉयटर्स की रिपोर्ट
21 मार्च को रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने IndusInd Bank से कहा है कि CEO सुमंत कथपालिया और Deputy CEO अरुण खुराना जैसे ही रिप्लेसमेंट मिल जाए और नियामकीय मंजूरी प्राप्त हो जाए, वे अपने पद छोड़ दें।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि RBI बैंक में एक व्यवस्थित नेतृत्व परिवर्तन चाहता है ताकि जमाकर्ताओं का भरोसा बना रहे और कोई अफरा-तफरी न मचे। सूत्रों के अनुसार, RBI चाहता है कि नया नेतृत्व बैंक के बाहर से लाया जाए।
हालांकि, इन रिपोर्ट्स की अब तक RBI या बैंक की ओर से पुष्टि नहीं की गई है।
क्या है मामला: IndusInd Bank की डेरिवेटिव गड़बड़ी
IndusInd Bank भारत का पाँचवां सबसे बड़ा निजी बैंक है, जिसकी बैलेंस शीट 5.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है।
10 मार्च को बैंक ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया था कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 2.35% की ओवरवैल्यूएशन हो गई है। इसका मतलब है कि बैंक के डेरिवेटिव ट्रेड्स में तय नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे उसका पोर्टफोलियो वास्तविकता से ज्यादा दिखाया गया।
इस गड़बड़ी के बाद बैंक ने तुरंत एक्सटर्नल इन्वेस्टिगेटर्स की नियुक्ति की और जांच शुरू कर दी।
गौर करने वाली बात यह है कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो उस डिवीजन का हिस्सा है जिसकी जिम्मेदारी डेप्युटी सीईओ अरुण खुराना की है, जो बैंक के ग्लोबल मार्केट्स डिवीजन के प्रमुख भी हैं।
RBI की प्रतिक्रिया: “बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर है”
15 मार्च को रिजर्व बैंक ने भी इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए आम ग्राहकों और निवेशकों को आश्वस्त किया कि IndusInd Bank की वित्तीय स्थिति पूरी तरह से स्थिर है।
RBI ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी मौजूद है और यह किसी भी तरह के संकट से जूझने की स्थिति में नहीं है। इसके साथ ही RBI ने बैंक के बोर्ड को निर्देश दिए कि वह 2100 करोड़ रुपये की अकाउंटिंग गड़बड़ी को मार्च महीने के भीतर ठीक करे।
बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुई गड़बड़ी से उसकी नेट वर्थ पर लगभग 2.35% असर पड़ने का अनुमान है।