इंदौरः बस संचालकों को हिदायत- बारिश में सुरक्षित रूप से चलाये जाएं वाहन, यातायात नियमों का करें पालन

इंदौर, 4 जुलाई (हि.स.)। इंदौर जिले में यात्री बस संचालकों से कहा गया है कि वे वर्षाकाल के दौरान यात्री बसों का संचालन पूर्ण सुरक्षित रूप से करें। यातायात नियमों का भी पालन करें। उन्हें हिदायत दी गई है कि लापरवाही पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में गुरुवार को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर में यात्री बस संचालकों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें उपस्थित बस संचालकों को वर्षाकाल के दौरान सुरक्षित वाहनों संचालन किये जाने के दिशा-निर्देश दिये गये है। नियम और निर्देशों की जानकारी सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी राजेश गुप्ता ने दी।

उनसे कहा गया कि मार्ग के मध्य पड़ने वाली पुल-पुलिया पर पानी का बहाव होने पर वाहन को पार न करें। वाहन के ब्रेक एवं स्टेयरिंग आदि की आईलिंग कार्य पूर्ण करायें। वाहनों को नियंत्रित गति से संचालित किया जाना सुनिश्चित किया जायें। वर्षाकाल के पूर्व वाहन में समस्त तकनीकी कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। वाहनों के फ्रन्ट विन्ड शील्ड पर वाइपर एवं ब्रेक लाईट, फॉगलेम्प, इंडिकेटर, हेडलाईट सुचारू रूप से कार्य कर रहे हो यह सुनिश्चित किया जाये। पुल-पुलिया पर लगे संकेतकों को ध्यान से पढे़ एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनी का पालन करें। वाहन चालक ड्रायविंग करते समय मोबाईल पर बात न करें। वाहन में प्रवेश व निर्गम द्वार अलग-अलग एवं आपात द्वार ठीक से खुल रहे हो उसे खोलने में कोई बाधा उत्पन्न न हो। वाहन में अग्निशमन यंत्र (चालू हालत में) एवं प्रथम उपचार पेटी होना आवश्यक है।

पुल-पुलिया पर पानी होने पर बस में सवार किसी भी यात्री के दबाव में वाहन को पुल पुलिया से पार नही निकाला जाए। वाहन के वैद्य दस्तावेज (पंजीयन प्रमाण पत्र, बीमा, फिटनेस एवं परमिट) होने पर ही वाहन का संचालन करें। चालक का लायसेंस वैद्य हो एवं लोक सेवा यान चलाने के लिये प्राधिकृत होना अनिवार्य है। चालक वाहन की ड्रायविंग सीट पर बैठने के पूर्व अपना मोबाईल परिचालक को सौंप दें, किसी भी स्थिति में वाहन चलाते वक्त मोबाईल का उपयोग न करें। बारिश के दौरान रोड पर वाहनों से थोड़ी ज्यादा डिस्टेंस रखें ताकि जरूरत पड़ने पर वाहन को आराम से रोका जा सकें। बारिश के दौरान कभी भी हैवी ब्रेक नहीं लगावें जिससे वाहन फिसलने का खतरा हो खराब टायरों की वजह से वाहन फिसलने का डर बना रहता है इसलिए टायरों की जांच करा लें और जरूरत हो तो उन्हें बदलवा लें। समय-समय पर एयर प्रेशर चेक करते रहें, स्टेपनी के लिए अलग से गाड़ी में रखा टायर भी चेक करायें।