इंदौरः जल गंगा संवर्धन अभियान से 100 वर्ष पुरानी प्राचीन बावड़ी को मिल गया नया जीवन

इन्दौर, 13 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की परिकल्पना अनुरूप इन्दौर संभागायुक्त दीपक सिंह के मार्गदर्शन में संभाग के समस्त जिलों में जल गंगा संवर्धन अभियान व्यापक रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है। मैदानी स्तर पर अभियान के सकारात्मक परिणाम भी नजर आने लगे है। अलीराजपुर जिले में कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर के मार्गदर्शन में जोबट स्थित देव स्थान पर बनीं प्राचीन बावड़ी का सफाई और जीर्णोद्धार अभियान करीब 5 दिन पूर्व प्रारंभ किया गया। बावड़ी में लंबे समय में जमा गाद, मिट्टी और कचरा निकालने का कार्य जिला प्रशासन, नगर पालिका परिषद, सामाजिक संगठनों, आमजन के सामूहिक प्रयासों से प्रारंभ हुआ। बावड़ी में लगे पीपल आदि के पौधों को निकालकर अन्य जगह पर रोपित किया गया। लगातार कई दिनों तक बावड़ी का सफाई अभियान सामूहिक प्रयासों से सफल हुआ ओर इस प्राचीन बावड़ी को नया जीवन मिल गया। बावड़ी फिर से जी उठी है और बावड़ी में साफ पानी की झिरी नजर आने लगी है। कलेक्टर डॉ. बेडेकर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिषेक चैधरी ने लगातार बावड़ी जीर्णोद्धार कार्य की मॉनिटरिंग और निरीक्षण किया।

जोबट एसडीएम वीरेन्द्र सिंह ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 8 जून 2024 को इस बावड़ी में सफाई अभियान प्रारंभ किया गया था। करीब 60 फीट गहरी इस बावड़ी में लगभग 6 से 7 फीट तक अत्यधिक गंदा पानी और कचरा जमा था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद सावधानी पूर्वक निकाला गया। इसके बाद बावड़ी से 8 से 10 ट्रॉली गाद एवं कचरा आदि निकाला गया। बावड़ी की सफाई में एक शिलालेख भी निकला है, जिसमें बावडी निर्माण वर्ष 1906 जो कि तत्कालीन नगर कोतवाल द्वारा कराए जाने का उल्लेख है।

उन्होंने बताया बावड़ी को पुनर्जीवन देने के कार्य को करीब 5 से 6 दिन तक लगातार प्रयास किया गया। प्रतिदिन 12 से 15 लोगों ने सफाई की। उन्होंने बताया बावड़ी पर मुंडैर बनाकर एक हैंड पम्प भी लगाया जाएगा, जिससे आमजन एवं मंदिर परिसर में भक्तों को साफ पानी सहजता से मिल सके तथा बावड़ी की सीढ़ियों पर जाली आदि लगाकर उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा है।