अरुणाचल प्रदेश पर चीन की कार्रवाई पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का नामकरण चीनी भाषा में करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस मामले पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने की अपनी मूर्खतापूर्ण कोशिशें जारी रखे हुए है। हम ऐसे प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं।

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य अंग

उन्होंने आगे कहा कि चीन द्वारा इस तरह का फर्जी नाम जारी करने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा। इससे पहले भी भारत कई बार अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दावे को खारिज कर चुका है.

 

चौथी सूची में 30 भौगोलिक नाम शामिल हैं

आपको बता दें कि चीन के एक सरकारी अखबार के मुताबिक, हाल ही में नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के उस क्षेत्र के भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की, जिसे वह जांगनान कहता है। इसके तहत चीन ने 30 नामों की एक सूची जारी की.

मार्च में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा किया था

चौथी लिस्ट जारी करने के साथ ही यह भी कहा गया कि ये नाम 1 मई 2024 से लागू कर दिए जाएंगे. आपको बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को झांगनान कहकर बुलाता है। मार्च की शुरुआत में चीन ने इस क्षेत्र पर अपना दावा जताते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश चीन का आंतरिक हिस्सा है। इतना ही नहीं, चीन ने 11 मार्च को सेला टनल का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा का भी विरोध किया था. हालाँकि, भारत हमेशा चीन के दावे को खारिज करता रहा है और अरुणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग मानता है।

इससे पहले कब जारी हुई थी ये लिस्ट?

एक चीनी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सरकार ने अप्रैल 2023 में चीनी अक्षरों, तिब्बती और पिनयिन का उपयोग करके क्षेत्र के लिए तीसरी सूची में 11 नामों को अंतिम रूप दिया। पहली लिस्ट 2017 में आई थी जबकि दूसरी लिस्ट 2021 में जारी की गई थी.