नई दिल्ली: स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से आज भारत का सबसे उन्नत संचार उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया। जीसैट-20 (GSAT N-2) उपग्रह को केप कैनावेरल, फ्लोरिडा, अमेरिका से लॉन्च किया गया था।
क्या करेगा ये सैटेलाइट?
जीसैट एन-2 उपग्रह दूरदराज के इलाकों में ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करेगा और यात्री विमानों को उड़ान के दौरान इंटरनेट प्रदान करेगा। उपग्रह 32 उपयोगकर्ता बीमों से सुसज्जित है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में आठ संकीर्ण स्पॉट बीम और शेष भारत में 24 वाइड स्पॉट बीम शामिल हैं। सभी 32 बीमों को भारत में स्थित हब स्टेशनों से समर्थन दिया जाएगा। ये उपग्रह इन-फ़्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने में भी मदद करेंगे।
स्पेसएक्स ने क्यों की मदद?
दरअसल, इस सैटेलाइट का वजन 4700 किलोग्राम है। इतने भारी सैटेलाइट को लॉन्च करना भारतीय रॉकेट के लिए संभव नहीं था, इसलिए स्पेसएक्स की मदद ली गई। भारत का अपना रॉकेट ‘द बाहुबली’ या लॉन्च व्हीकल मार्क-3 अधिकतम 4000 से 4100 किलोग्राम वजन के साथ अंतरिक्ष की कक्षा में जा सकता है।
चीनी रॉकेट भारत के लिए अनुपयुक्त हैं और यूक्रेन में संघर्ष के कारण रूस अपने रॉकेटों को वाणिज्यिक प्रक्षेपण के लिए पेश नहीं कर पाया है।