
अमेरिका द्वारा भारतीय अवैध आप्रवासियों को निर्वासित करने के तरीके पर काफी हंगामा हुआ था। विपक्ष ने सरकार की खूब आलोचना की। हाथों में बेड़ियां देखकर देशवासियों का खून खौल उठा। लेकिन सरकार भी चुप नहीं बैठी। सरकार ने अमेरिका को इस व्यवहार के लिए करारा जवाब दिया है। हां, भारत ने भारतीय पर्यटकों, विशेषकर महिलाओं के साथ किए जाने वाले व्यवहार के बारे में अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की है।
हमारे लोगों को जंजीरों में क्यों बांधा गया?
भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष भारतीय प्रवासियों, विशेषकर महिलाओं के साथ किए जाने वाले व्यवहार के बारे में चिंता जताई है। 5 फरवरी की उड़ान में महिलाओं को बांधने के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई गई है। केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि विदेश मंत्रालय ने 5 फरवरी को भारत पहुंचे विमान में विदेशियों के साथ किए गए व्यवहार के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त की है। विशेषकर तब जब महिलाओं को हथकड़ी पहनाई जाती है। सरकार ने यह भी कहा कि अमेरिका ने पुष्टि की है कि 15 और 16 फरवरी को भारत पहुंचे निर्वासन विमानों में किसी भी महिला या बच्चे को हिरासत में नहीं लिया गया। जनवरी 2025 से अब तक कुल 388 लोगों को अमेरिका से भारत भेजा गया है। सरकार ने कहा कि अन्य 295 लोगों को जल्द ही अमेरिका से निर्वासित किया जा सकता है।
केंद्र और अमेरिकी सरकारों के बीच वार्ता
प्रश्नों के उत्तर में केंद्र ने अपना रुख और अमेरिकी अधिकारियों के साथ हुई चर्चा का खुलासा किया। सरकार ने यह भी कहा कि भारत सरकार को अमेरिका में भारतीय पासपोर्ट रखने वाले कुल अवैध प्रवासियों की संख्या के बारे में अमेरिकी प्रशासन से कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। जनवरी 2025 से अब तक कुल 388 लोगों को अमेरिका से भारत भेजा गया है।
दरअसल, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान 5 फरवरी को पहली बार भारतीयों को अमेरिका से निकाला गया था। अमेरिका से अप्रवासियों को लेकर एक विमान अमृतसर में उतरा। उनमें से अधिकांश गुजरात, पंजाब और हरियाणा से थे। इसके बाद 15 और 16 फरवरी को दूसरा और तीसरा जत्था भी पहुंचा।