नई दिल्ली, तेहरान: भारत के जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनवाल ईरान के बेहद रणनीतिक महत्व वाले चाबहार बंदरगाह का प्रशासन अगले 10 वर्षों के लिए भारत को सौंपने के लिए आज (सोमवार) तेहरान पहुंचे, खासकर भारत और ईरान के बीच समझौते कराने के लिए। इस संबंध में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इसके अलावा चाबहार के दीर्घकालिक प्रशासन पर भी विचार किया जाएगा।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सोनोवाल आज (सोमवार) वायु सेना के एक विशेष विमान से ईरान पहुंचे और 10 वर्षों के लिए चाबहार के अति-रणनीतिक प्राकृतिक बरन (बंदरगाह) के प्रबंधन के लिए ईरानी अधिकारियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस बंदरगाह का महत्व यह है कि इसके माध्यम से भारत पाकिस्तान को किनारे रखकर अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के साथ स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेगा।
इस बारे में एस. जयशंकर ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि चाय निर्यात बंदरगाह न केवल भारत के लिए रणनीतिक रूप से बल्कि व्यापार के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। इससे पाकिस्तान को किनारे रखकर भारत अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों में अपना सामान आसानी से भेज सकेगा। और वहां का सामान आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. दरअसल, इसी साल जनवरी में ईरान के सड़क एवं शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बाजारपाश से बातचीत हुई थी.