भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट में 6 विकेट से हार का सामना किया। यह हार टीम इंडिया के लिए निराशाजनक रही, खासकर क्योंकि जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी ने गेंदबाजी आक्रमण को कमजोर कर दिया। बुमराह, जिन्होंने सिडनी टेस्ट में कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभाली थी, दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाए।
बुमराह की चोट और सिडनी टेस्ट पर प्रभाव
सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन लंच ब्रेक के बाद बुमराह पीठ में ऐंठन के कारण मैदान पर नहीं उतर सके। पहली पारी में उन्होंने दो विकेट झटके थे, लेकिन उनकी चोट ने उन्हें पूरी तरह से रोक दिया।
- पहली पारी का प्रदर्शन: बुमराह ने दो विकेट लिए।
- दूसरी पारी: वह गेंदबाजी के लिए उपलब्ध नहीं थे, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने 162 रन का लक्ष्य आसानी से चेज कर लिया।
बुमराह ने तीसरे दिन बल्लेबाजी की, लेकिन वह सिर्फ तीन गेंद खेलकर शून्य पर आउट हो गए। अपनी चोट पर बात करते हुए बुमराह ने कहा:
“कभी-कभी आपको अपने शरीर का सम्मान करना पड़ता है। आप अपने शरीर से लड़ नहीं सकते। यह निराशाजनक है कि मैं शायद सीरीज के सबसे अच्छे विकेट पर गेंदबाजी करने से चूक गया।”
सीरीज में बुमराह का शानदार प्रदर्शन
हालांकि सिडनी टेस्ट में बुमराह का योगदान सीमित रहा, लेकिन पूरी सीरीज में उन्होंने घातक गेंदबाजी की। उन्होंने 32 विकेट लेकर सीरीज के प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीता।
- बुमराह ने सीरीज के हर मैच में महत्वपूर्ण विकेट झटके और भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व किया।
- उनका प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए एक प्रेरणा बना।
सिडनी टेस्ट और टीम के प्रयास
बुमराह ने हार के बाद कहा कि भारतीय टीम ने पूरे सीरीज में कड़ी टक्कर दी। उन्होंने अन्य गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा:
“एक गेंदबाज कम होने के बावजूद, अन्य गेंदबाजों ने पहली पारी में जिम्मेदारी उठाई। हमने आज सुबह भी जज्बा दिखाने और विश्वास बनाए रखने की बात की।”
उन्होंने आगे कहा:
“बहुत सारे अगर और मगर रहे, लेकिन पूरी सीरीज में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। हम मैच से बाहर नहीं थे, बल्कि खेल में बने हुए थे। टेस्ट क्रिकेट इसी तरह चलता है—दबाव बनाना और झेलना महत्वपूर्ण है।”
युवा खिलाड़ियों और भविष्य पर बुमराह की राय
बुमराह ने टीम के युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा:
“हमारी टीम में बहुत टैलेंट है। युवा खिलाड़ी इस अनुभव से सीखेंगे। यह सीरीज उनके लिए शानदार रही। भले ही हम जीत नहीं पाए, लेकिन इस अनुभव से हमें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”
ऑस्ट्रेलिया को बधाई और भारतीय टीम का भविष्य
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद अपने नाम किया, सीरीज को 3-1 से जीतकर। बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनकी शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी:
“ऑस्ट्रेलिया ने वाकई अच्छा मुकाबला किया। उन्हें जीत की बधाई।”