रीवा, 5 सितंबर (हि.स.)। संभागीय जन अभियान परिषद द्वारा महर्षि अरविंद के जन्मदिन पखवाड़े पर जेएनसीटी कालेज में गुरुवार को व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। व्याख्यान माला का शुभारंभ करते हुए प्रमुख वक्ता डॉ आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि भारतीयता की अवधारणा समावेशी अवधारणा है। हमारी पहचान में विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों, विविध संस्कृतियों, भाषाओं और बोलियों का समावेश है। इस भारतीयता की अवधारणा में सभ्यताओं में निरंतरता है। भारतीय चेतना किसी एक क्षेत्र, जाति, संप्रदाय और संस्कृति से बंधी हुई नहीं है। भारतीयता से तात्पर्य उस विचार या भाव से है जिसमें भारत से जुड़ने का बोध होता है। साथ ही इसमें भारतीय तत्वों की झलक और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव होता है।
कार्यक्रम में जे.एन.सी.टी. महाविद्यालय के चेयरमैन एसएस तिवारी ने कहा कि जब हम भारत को मानने एवं जानने लगते हैं, वहीं से हमारा भारत के बनने की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है। भारत का बनना या भारतीय बनना, भारत की नागरिकता से संबंधित नहीं है। भारतीय बनना जीवन जीने का एक मार्ग है। कार्यकम में श्री सूर्यनारायण पाण्डेय सहायक आयुक्त ने कहा कि अध्यात्म की नीव पर आधारित हमारी संस्कृति एवं आचरण का पालन करना ही भारत का बनना है। भले ही आप भारत की धरती से मिलों दूर क्यूँ ना हो, आप अपने कर्म, विचार एवं आचरण से भारतीय हो सकते हैं। भारतीय बनने पर ही हम सही में स्वयं की पहचान कर सकते हैं। ऐसा करने से ही हम सामाजिक परिवर्तन की ओर सुदृढ़ रूप से आगे बढ़ सकेंगे।
कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए जन अभियान परिषद के संभागीय समन्वयक प्रवीण पाठक ने कहा कि जन अभियान परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों व संभागों में महर्षि अरविन्द जी के विचारों पर आधारित व्याख्यानमालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष आयोजित व्याख्यानमाला का संदर्भ विषय हम भारतीय बने रखा गया है। कार्यक्रम में रीवा संभाग अन्तर्गत आने वाले सभी 6 जिलों के प्रतिभागियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में रीवा जिलें में कार्यरत परामर्शदाता, स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारी, शिक्षाविद् एवं छात्र-छात्राओं ने भी सहभागिता की। कार्यक्रम के समापन में संभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं व परामर्शदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।