Indian Women's cricket : आंखों में आंसू, बल्ले में आग, जिसे टीम से निकाला था, उसी लड़की ने आज ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ दिया

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News India Live, Digital Desk: Indian Women's cricket : क्रिकेट का मैदान सिर्फ चौकों-छक्कों का खेल नहीं होता। यह जज्बातों का, हार-जीत का, और कभी-कभी 'बदले' का अखाड़ा भी होता है। एक ऐसा ही जज्बात, एक ऐसा ही 'बदला' कल रात वानखेड़े के मैदान पर देखने को मिला, जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा स्टार जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने अपने बल्ले से वो कहानी लिखी, जिसे सालों तक याद रखा जाएगा।

यह सिर्फ एक शतक नहीं था। यह उन आंसुओं का जवाब था जो पिछले कुछ सालों में बहे थे। यह उस दर्द का मरहम था जो टीम से बाहर किए जाने पर मिला था। यह दुनिया की सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक ऐतिहासिक जीत की गाथा थी।

वह दर्दनाक दौर...

याद कीजिए वो समय, जब जेमिमा रोड्रिग्स को खराब फॉर्म के चलते ODI वर्ल्ड कप की टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। एक युवा खिलाड़ी के लिए इससे बड़ा झटका और क्या हो सकता है? वह टूट गई थीं। आलोचनाएं हो रही थीं, करियर पर सवाल उठाए जा रहे थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने चुपचाप मेहनत की, अपने खेल पर काम किया और सही मौके का इंतजार किया।

और फिर आई 'फैसले की रात'

मौका मिला... और मिला भी तो किसके खिलाफ? ऑस्ट्रेलिया! क्रिकेट की दुनिया की वो 'बॉस' टीम, जिसे हराना किसी भी टीम के लिए एक सपने जैसा होता है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 283 रनों का विशाल लक्ष्य रखा, जिसे महिला क्रिकेट में लगभग 'असंभव' माना जाता है।

लेकिन उस रात, 24 साल की वह लड़की कुछ और ही सोचकर मैदान पर उतरी थी। उसने सिर्फ रन नहीं बनाए, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के غرور (घमंड) पर प्रहार किया। उसके हर शॉट में पिछले सालों का दर्द, गुस्सा और खुद को साबित करने की जिद दिख रही थी।

जब आंसुओं ने मनाया शतक का जश्न

और फिर वह पल आया... 99 के स्कोर पर जेमिमा ने गेंद को बाउंड्री के पार भेजा और अपना पहला वनडे शतक पूरा किया। शतक पूरा होते ही उन्होंने अपना हेलमेट उतारा, आसमान की ओर देखा और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। यह खुशी के आंसू थे, यह राहत के आंसू थे, यह जीत के आंसू थे।

वह सिर्फ एक शतक नहीं था। वह महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे बड़ा और सफल रन चेज था। जेमिमा ने न सिर्फ अपना बदला पूरा किया, बल्कि भारत को एक ऐसी ऐतिहासिक जीत दिलाई जिसने पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया कि भारत की यह 'नई पीढ़ी' किसी से डरने वाली नहीं है।

यह जेमिमा रोड्रिग्स के 'मोचन' (Redemption) की रात थी। यह एक ऐसी कहानी है जो हर उस इंसान को हिम्मत देगी जिसे कभी 'कमजोर' या 'नाकाबिल' समझा गया हो। यह कहानी बताती है कि अगर इरादे फौलादी हों, तो आंसू भी इतिहास लिख सकते हैं।

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