भारतीय रेलवे- ऐसे यात्रियों की ट्रेन में होगी ‘नो एंट्री’, नए नियम लागू करने की तैयारी

64db2b1be307398c4ef85bcc78ee1bf5

भारतीय रेलवे- ट्रेनों में अकेले सफर कर रही महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ने से यात्री अपनी सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हो गए हैं। ऐसे अपराधियों की पहचान करने और उन्हें ट्रेनों में यात्रा करने से रोकने के लिए अगले कुछ महीनों में एक मजबूत प्रणाली लागू की जा सकती है।

रेलवे अब हर यात्री के लिए रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठा सकता है, जिस तरह हवाई यात्रा के दौरान बार-बार दुर्व्यवहार करने वाले यात्रियों को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिया जाता है, उसी तरह रेलवे ऐसे यात्रियों को ट्रेनों में भी डालने पर विचार कर रहा है यात्रा को रोकने के लिए प्रणाली 

ऐसे यात्रियों का डिजिटल डेटा तैयार किया जाएगा
ट्रेनों में महिलाओं से छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार करने वाले यात्रियों का डिजिटल डेटा तैयार किया जाएगा। अब तक प्राप्त शिकायतों के आधार पर प्रमुख स्टेशनों और ट्रेनों पर नज़र रखने के लिए दोषियों के नाम, पता, उम्र, चेहरा और अन्य रिकॉर्ड डिजिटल प्रारूप में एकत्र किए जाएंगे।

कैमरा भेजेगा अलर्ट
ट्रेनों में बार-बार दुर्व्यवहार या अपराध करने वाले लोगों का डेटा भारतीय रेलवे के पास होगा। प्रमुख रेलवे स्टेशनों और चुनिंदा ट्रेनों में फेशियल रिकग्निशन कैमरे लगाए जाएंगे। जैसे ही आदतन अपराधी किसी रेलवे स्टेशन या ट्रेन पर पहुंचेगा, चेहरे की पहचान करने वाले कैमरे उसके चेहरे और विवरण से उसकी पहचान कर लेंगे और जीआरपी को अलर्ट भेज देंगे।

यात्रा पर लग सकता है प्रतिबंध
आदतन अपराधियों को ट्रेन से यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। अपराध और शिकायत की गंभीरता के आधार पर रेलवे यात्रियों को 3 महीने, छह महीने, एक साल या हमेशा के लिए प्रतिबंधित श्रेणी में रख सकता है। यदि यात्रा करने से प्रतिबंधित कोई व्यक्ति यात्रा करता हुआ पाया गया तो जीआरपी उसे बीच रास्ते में ही उतार देगी।

महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ‘मेरी सहेली’ अभियान चला रहा है. यह अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की सुविधा प्रदान करता है। रेलवे ने उन ट्रेनों का डेटा दिया है जिनमें महिलाएं अकेले यात्रा करती हैं. जीआरपी शुरुआती स्टेशन से लेकर आखिरी स्टेशन तक निगरानी करती है।