रेलवे टिकट ट्रांसफर नियम: कई लोग टिकट पहले ही बुक कर लेते हैं। लेकिन, अचानक किसी काम या किसी अन्य कारण से वे यात्रा नहीं कर पाते। ऐसे में कई यात्री टिकट कैंसिल करा देते हैं। कई लोगों को लगता है कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लेकिन, ऐसा नहीं है। टिकट कैंसिल कराने के अलावा आप अपना टिकट किसी और को ट्रांसफर भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। रेलवे ने कंफर्म आरक्षित टिकट ट्रांसफर करने के नियम बनाए हैं। हर रेल यात्री को इन नियमों की जानकारी होनी चाहिए।
रेलवे के नियमों के मुताबिक, अगर आप किसी वजह से यात्रा नहीं कर रहे हैं तो आप अपनी कन्फर्म टिकट किसी और को ट्रांसफर भी कर सकते हैं। ऐसा करने पर कैंसिलेशन चार्ज भी नहीं कटता। भारतीय रेलवे के नियम कहते हैं कि आप अपनी ट्रेन टिकट हर किसी को ट्रांसफर नहीं कर सकते। आप टिकट सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों को ही ट्रांसफर कर सकते हैं। परिवार के सदस्यों में पिता, माता, भाई, बहन, बेटा, बेटी, पति और पत्नी शामिल हैं।
रेलवे के इस नियम के कारण आप अपनी ट्रेन टिकट अपने भाई को ट्रांसफर कर सकते हैं, लेकिन अपने जीजा को नहीं। क्योंकि, रेलवे द्वारा तैयार परिवार के सदस्यों की सूची में साली, जीजा, सास, ससुर, मामा, चचेरा भाई, चचेरा भाई और बहन शामिल नहीं हैं।
ऐसे होगा टिकट ट्रांसफर
यात्री का नाम आरक्षण काउंटर से ट्रेन छूटने से 24 घंटे पहले ही बदला जा सकता है। टिकट चाहे काउंटर से खरीदा गया हो या ऑनलाइन बुक किया गया हो, उसमें नाम बदलने के लिए टिकट काउंटर पर जाना ही पड़ता है। टिकट का प्रिंटआउट और जिस व्यक्ति को टिकट ट्रांसफर करना है, उसके पहचान पत्र की फोटोकॉपी आरक्षण काउंटर पर जमा करानी पड़ती है। इसके बाद ऑनलाइन या काउंटर से लिए गए टिकट पर नाम बदल दिया जाता है।
यह सुविधा वेटिंग या आरएसी पर उपलब्ध नहीं होगी
टिकट को एक बार ही ट्रांसफर किया जा सकता है। सबसे जरूरी बात यह है कि आपकी टिकट कन्फर्म होनी चाहिए। आप वेटिंग या आरएसी टिकट को ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे।