अमेरिकी आव्रजन विभाग के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2024 में अमेरिका द्वारा जारी किए गए कुल एच1बी वीजा का पांचवां हिस्सा भारतीय मूल की तकनीकी कंपनियों का था।
इनमें इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज सबसे प्रमुख हैं। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2024 की अवधि के दौरान विभिन्न आवेदकों को जारी किए गए कुल 1.3 लाख एच1बी वीजा में से लगभग 24,766 वीजा भारतीय मूल की कंपनियों को जारी किए गए थे। इनमें इन्फोसिस 8140 लाभार्थियों के साथ शीर्ष पर रही। इसके बाद टीसीएस के 5274 और एचसीएल अमेरिका के 2953 कर्मचारियों को एच1बी वीजा मिला। वैश्विक स्तर पर, इंफोसिस AMAZONE.COM सर्विसेज एलएलसी के बाद दूसरे स्थान पर थी, जो 9265 वीजा के साथ शीर्ष पर थी।
कॉग्निजेंट 6321 वीजा के साथ तीसरे स्थान पर रही
कॉग्निजेंट जिसकी स्थापना चेन्नई में हुई थी लेकिन अब इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है, 6321 वीज़ा के साथ तीसरे स्थान पर रहा। H1B वीजा कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों को विशिष्ट व्यवसायों में अस्थायी रूप से विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय कंपनियाँ इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण लाभार्थी रही हैं, विशेषकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में। चल रहे घटनाक्रम विनियामक परिवर्तनों का संकेत देते हैं। एच1बी वीज़ा का भविष्य संभवतः व्यापक आव्रजन नीति सुधार के साथ अमेरिकी व्यवसायों की कुशल श्रम की आवश्यकता को संतुलित करने पर निर्भर करेगा।