देश की अग्रणी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) बिहार में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है।
- यह घोषणा कंपनी के कार्यकारी निदेशक सुमन कुमार ने पटना में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट निवेशक सम्मेलन में की।
- इस निवेश के तहत बरौनी रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने और राज्य में सीएनजी एवं पीएनजी नेटवर्क विकसित करने की योजना बनाई गई है।
निवेश के मुख्य बिंदु
- बरौनी रिफाइनरी का विस्तार:
- मौजूदा क्षमता 60 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 90 लाख टन प्रति वर्ष की जाएगी।
- इस परियोजना में कंपनी 16,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
- पेट्रोरसायन संयंत्र:
- रिफाइनरी के साथ एक पॉलीप्रोपेलीन संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
- पॉलीप्रोपेलीन प्लास्टिक उद्योग का कच्चा माल है।
- यह संयंत्र 2025 के अंत तक चालू होने की संभावना है।
- सीएनजी और पीएनजी नेटवर्क:
- बिहार के 27 शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी पंप खोले जाएंगे।
- घरों और उद्योगों तक पाइप के जरिए प्राकृतिक गैस (PNG) की आपूर्ति के लिए नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
- इस परियोजना पर 5,600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
इंडियन ऑयल: बिहार में सबसे पुरानी निवेशक
- बरौनी रिफाइनरी:
- 1964 में स्थापित यह रिफाइनरी इंडियन ऑयल का बिहार में पहला बड़ा निवेश था।
- शुरुआती क्षमता 30 लाख टन प्रति वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 60 लाख टन किया गया।
- अब:
- रिफाइनरी की क्षमता को 90 लाख टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना है।
- पॉलीप्रोपेलीन संयंत्र की क्षमता दो लाख टन होगी।
बिहार के विकास में इंडियन ऑयल का योगदान
- औद्योगिक विकास:
- प्लास्टिक उद्योग के लिए कच्चे माल की आपूर्ति से राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार:
- सीएनजी और पीएनजी नेटवर्क से पर्यावरण के अनुकूल ईंधन की आपूर्ति होगी।
- रोजगार के अवसर:
- परियोजनाओं से हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।