भारतीय सिनेमा की भव्यता और विविधता को वैश्विक मंच पर सम्मान देते हुए, लॉस एंजेलिस में ‘एकेडमी म्यूजियम ऑफ मोशन पिक्चर्स’ में भारत की 12 प्रतिष्ठित फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा।
यह खास आयोजन ‘इमोशन इन कलर: ए केलिडोस्कोप ऑफ इंडियन सिनेमा’ नामक फिल्म सीरीज के तहत 7 मार्च से 19 अप्रैल 2025 तक चलेगा। इस ऐतिहासिक पहल को प्रसिद्ध फिल्म निर्माता शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने क्यूरेट किया है, जो भारतीय सिनेमा की विभिन्न शैलियों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास है।
इस आयोजन का महत्व
भारतीय सिनेमा की धरोहर और कलात्मकता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर।
यह पहली बार है जब इतनी प्रतिष्ठित भारतीय फिल्मों को एक साथ एकेडमी म्यूजियम में प्रदर्शित किया जा रहा है।
भारतीय सिनेमा की विभिन्न विधाओं, भाषा और सांस्कृतिक विविधता को दुनिया के सामने रखने का प्रयास।
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इन प्रतिष्ठित फिल्मों की होगी स्क्रीनिंग
इस भव्य आयोजन में हिंदी, तमिल, बंगाली, मलयालम और मणिपुरी भाषा की फिल्मों को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ सदाबहार क्लासिक्स हैं, तो कुछ सिनेमाई कला की उत्कृष्ट मिसालें।
शामिल फिल्मों की लिस्ट:
मदर इंडिया (1957, हिन्दी) – महबूब खान
मंथन (1976, हिन्दी) – श्याम बेनेगल
अमर अकबर एंथनी (1977, हिन्दी) – मनमोहन देसाई
इशानौ (1990, मणिपुरी) – अरिबम श्याम शर्मा
कुम्मट्टी (1979, मलयालम) – अरविंदन गोविंदन
मिर्च मसाला (1987, हिन्दी) – केतन मेहता
देवदास (2002, हिन्दी) – संजय लीला भंसाली
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995, हिन्दी) – आदित्य चोपड़ा
जोधा अकबर (2008, हिन्दी) – आशुतोष गोवारिकर
कंचनजंगा (1962, बांग्ला) – सत्यजीत रे
माया दर्पण (1972, हिन्दी) – कुमार साहनी
इरुवर (1997, तमिल) – मणिरत्नम
कब और किस दिन होगी किस फिल्म की स्क्रीनिंग?
7 मार्च: मदर इंडिया (महबूब खान)
10 मार्च: मंथन (श्याम बेनेगल) और अमर अकबर एंथनी (मनमोहन देसाई)
11 मार्च: इशानौ (अरिबम श्याम शर्मा)
14 मार्च: कुम्मट्टी (अरविंदन गोविंदन)
18 मार्च: मिर्च मसाला (केतन मेहता)
22 मार्च: देवदास (संजय लीला भंसाली)
30 मार्च: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (आदित्य चोपड़ा)
31 मार्च: जोधा अकबर (आशुतोष गोवारिकर)
5 अप्रैल: कंचनजंगा (सत्यजीत रे)
8 अप्रैल: माया दर्पण (कुमार साहनी)
19 अप्रैल: इरुवर (मणिरत्नम)
भारतीय सिनेमा के लिए ऐतिहासिक क्षण!
भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए यह आयोजन मील का पत्थर साबित हो सकता है।
- सदाबहार ब्लॉकबस्टर्स से लेकर आर्ट हाउस सिनेमा तक, इस कलेक्शन में हर तरह की फिल्में शामिल हैं।
- सत्यजीत रे, महबूब खान, मणिरत्नम, संजय लीला भंसाली जैसे महान निर्देशकों की कृतियों को दुनियाभर के फिल्म प्रेमी देख सकेंगे।
- यह प्रदर्शनी भारत के सिनेमा इतिहास, संस्कृति और कला के प्रति योगदान को दर्शाती है।
क्या आप भी भारतीय सिनेमा के इस ऐतिहासिक पल को लेकर उत्साहित हैं?
अगर हां, तो कौन सी फिल्म आपकी फेवरेट है? हमें कमेंट में बताइए!