भारत टैरिफ वॉर का भी करेगा ऐलान, सरकार का 200 दिन का मास्टर प्लान

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अधिकतम 200 दिन. भारत दुनिया के अधिकांश देशों को हिलाने की तैयारी कर रहा है। पूरी दुनिया की निगाहें अमेरिका, चीन, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय देशों के बीच टैरिफ युद्ध पर टिकी हैं। दूसरी ओर, भारत भी इस युद्ध में शामिल होकर सबको चौंकाने की तैयारी कर रहा है। भारत भी एक ही हमले से कई देशों को परेशान कर देगा। भारत वर्तमान में इस्पात उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर रहा है। यह वृद्धि अस्थायी होगी। सरकार 200 दिनों के लिए टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह निर्णय चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए बड़ा झटका हो सकता है। भारत अपनी आवश्यकता का 70 प्रतिशत से अधिक इस्पात इन देशों से आयात करता है।
 
यह निर्णय क्यों लेना पड़ रहा है?
वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा, व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने घरेलू इस्पात आयात में वृद्धि से बचाव के उद्देश्य से कुछ इस्पात उत्पादों पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी सुरक्षा शुल्क लगाने की सिफारिश की है। डीजीटीआर ने पिछले साल दिसंबर में फैब्रिकेशन, पाइप निर्माण, पूंजीगत सामान, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले अन्य मिश्र धातु और धातु इस्पात उत्पादों के आयात की जांच में अचानक वृद्धि शुरू की थी।
इसी कारण जांच की मांग की गई।
भारतीय इस्पात संघ ने अपने सदस्यों की शिकायत के बाद यह जांच शुरू की थी। आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया, एएमएमएस खोपली, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स, भूषण पावर एंड स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड इस संगठन के सदस्य हैं। निदेशालय द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया है कि भारत में इन उत्पादों के आयात में अचानक, तीव्र और महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू उद्योग/निर्माताओं को गंभीर क्षति हो सकती है।
12 प्रतिशत टैरिफ की सिफारिश
डीजीटी ने 18 मार्च की अपनी अधिसूचना में कहा था कि ऐसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं, जहां अस्थायी सुरक्षा उपायों को लागू करने में देरी से नुकसान होगा और उसकी भरपाई करना मुश्किल होगा। इसलिए, अस्थायी सुरक्षा उपायों को तुरंत लागू करने की आवश्यकता है।
उद्योग जगत से मिली जानकारी के अनुसार चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में मांग में कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन उत्पादों का आयात 2021-22 के दौरान 22.93 टन से बढ़कर 2021-24 के दौरान 66.12 टन हो गया। चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम समेत सभी देशों के कारण आयात में वृद्धि हुई है। अधिसूचना में कहा गया है कि इन सबका उद्देश्य भारत के घरेलू उद्योग को बढ़ते आयात से बचाना है।