भारत ने खालिस्तानी नेता की धमकियों पर अमेरिका को किया आगाह

Mixcollage 20 Dec 2024 08 57 Pm

भारत ने खालिस्तानी समर्थक और प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा दी गई धमकियों को लेकर अमेरिका को चेतावनी दी है। पन्नू ने हाल ही में अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को धमकी दी थी, जिसे भारत ने गंभीरता से लेते हुए अमेरिकी प्रशासन से अपनी सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने की अपील की है।

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “हम इन धमकियों को बेहद गंभीरता से लेते हैं और इसे अमेरिकी सरकार के साथ उठा चुके हैं। हमें उम्मीद है कि वे हमारी सुरक्षा चिंताओं को प्राथमिकता देंगे।”

पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो संदेश में भारतीय राजदूत को धमकी देते हुए उन्हें “भारत-रूस आतंक गठबंधन” का चेहरा बताया। पन्नू ने दावा किया कि भारतीय राजनयिक खालिस्तानी समर्थक गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

अमेरिकी प्रशासन का आश्वासन

अमेरिका स्थित भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा पर एक अमेरिकी दूतावास प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिकी सरकार सभी राजनयिक और वाणिज्यिक कर्मियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” इसके साथ ही, बाइडन प्रशासन ने भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के संबंध हालिया विवादों के बावजूद मजबूत बने रहेंगे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इन चुनौतियों का उचित समाधान निकालने में सक्षम हैं।”

कनाडा पर भारत की नाराजगी

इसी बीच, केंद्र सरकार ने कनाडा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। शुक्रवार को लोकसभा में सरकार ने कहा कि कनाडा ने अपने आरोपों के समर्थन में “कोई सबूत” पेश नहीं किया है।

विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया, “कनाडा के सार्वजनिक बयान भारत विरोधी अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। ऐसे विमर्श किसी भी स्थिर द्विपक्षीय रिश्ते के लिए नुकसानदेह हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत ने बार-बार कनाडा से आग्रह किया है कि वह अपनी धरती पर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करे।

भारत की सुरक्षा चिंताएं और द्विपक्षीय संबंध

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जाहिर की है। अमेरिकी प्रशासन और अन्य सहयोगी देशों से अपील की गई है कि वे इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाएं।

हालिया घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि भारत अपनी सुरक्षा और राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई समझौता नहीं करेगा। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों के साथ भारत के संबंधों को संतुलित बनाए रखने के लिए इन मुद्दों का समाधान जरूरी है।