रोहित शर्मा की अगुआई में टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर रही है। टीम को अब सेमीफाइनल में रविवार को दुबई क्रिकेट स्टेडियम में मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम का सामना करना है, जो कई खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के बावजूद दमदार प्रदर्शन कर रही है। भारत ने ग्रुप चरण के अपने सभी तीन मैच जीते हैं, जो उसके प्रभुत्व को दर्शाता है। दोनों टीमें ऐसी हैं जो आईसीसी टूर्नामेंटों के नॉकआउट चरणों में अच्छा प्रदर्शन करती हैं। सेमीफाइनल मैच की बात करें तो यहां भी भारत का दबदबा रहा है।
चैंपियंस ट्रॉफी में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए टीम इंडिया पिछले 27 सालों में एक भी सेमीफाइनल मैच नहीं हारी है।
चैंपियंस ट्रॉफी में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए टीम इंडिया पिछले 27 सालों में एक भी सेमीफाइनल मैच नहीं हारी है। यह रिकार्ड टीम के प्रभुत्व को दर्शाता है। इस दौरान सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने टीम की बागडोर संभाली और हर बार सेमीफाइनल की चुनौती को सफलतापूर्वक पार किया। टीम के इस प्रदर्शन के बाद प्रशंसकों को उम्मीद है कि टीम एक बार फिर अपनी परंपरा को कायम रखते हुए सेमीफाइनल की बाधा पार करने में सफल होगी।
टीम इंडिया दो बार चैंपियन बन चुकी है।
1998 में इसकी शुरुआत के बाद से टीम इंडिया अब तक दो बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में सफल रही है। पहले इस टूर्नामेंट को ‘आईसीसी नॉकआउट’ के नाम से जाना जाता था। भारत 2000 में केन्या में आयोजित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था। हालाँकि, टीम अंतिम बाधा पार नहीं कर सकी और एक करीबी मुकाबले में न्यूजीलैंड से हार गयी। टीम को पहली बार 2002 में चैंपियन बनने का मौका मिला था, जहां बारिश के कारण भारत और श्रीलंका संयुक्त विजेता रहे थे।
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया।
टीम को 2013 में दोबारा यह ट्रॉफी जीतने का मौका मिला, जहां धोनी की अगुवाई में भारत ने फाइनल में मेजबान इंग्लैंड को हराया था। यह टूर्नामेंट भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के लिए यादगार रहा, क्योंकि उन्होंने कप्तान धोनी से सलामी बल्लेबाजी की भूमिका संभाली और उनके इस फैसले ने ‘हिटमैन’ की किस्मत बदल दी।