भारत ने कनाडा के हस्तक्षेप संबंधी आरोपों को किया खारिज, ओटावा पर साधा निशाना

Agniverr 1728648521948 173812721

भारत ने कनाडा की विदेशी-हस्तक्षेप जांच आयोग की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें भारत पर कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया था। इसके साथ ही, भारत ने कनाडा पर भारत के आंतरिक मामलों में लगातार दखल देने और अवैध प्रवासन व संगठित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

भारत ने दिया करारा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा,

“हमने इस कथित रिपोर्ट को देखा है, जिसमें भारत पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है। लेकिन वास्तविकता यह है कि खुद कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार दखल देता आया है। इसने अवैध प्रवासन और संगठित आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है।”

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करता है और कनाडा से उम्मीद करता है कि वह अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने वाली अपनी नीतियों पर रोक लगाए।

क्या कहती है कनाडा की रिपोर्ट?

कनाडा में जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप करने वाले देशों की सूची में भारत दूसरे स्थान पर है। हालांकि, भारत ने इस दावे को पूरी तरह से निराधार बताया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने में चीन का प्रभाव भारत से अधिक है। इसके अलावा, रूस, पाकिस्तान और ईरान को भी चुनावों में हस्तक्षेप करने के आरोपों में शामिल किया गया है।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि भारत इंडो-कनाडाई समुदाय और अन्य प्रमुख गैर-इंडो-कनाडाई व्यक्तियों को प्रभावित करने की कोशिश करता है, ताकि वह कनाडा की नीतियों को भारत के पक्ष में मोड़ सके।

रिपुदमण सिंह मलिक हत्याकांड: दोषी को सुनाई गई सजा

इस रिपोर्ट के जारी होने के बीच 2022 में खालिस्तानी नेता रिपुदमण सिंह मलिक की हत्या के आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई। ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस टेरेंस शुल्टेस ने 24 वर्षीय टैनर फॉक्स को दूसरे दर्जे की हत्या का दोषी पाया और उसे बिना पैरोल के यह सजा सुनाई गई।

कौन थे रिपुदमण सिंह मलिक?

रिपुदमण सिंह मलिक एक विवादास्पद व्यक्ति थे। उनका नाम 1985 के कनिश्का बम धमाके में शामिल होने के संदेह में आया था, जिसमें 329 लोग मारे गए थे। हालांकि, सबूतों की कमी के कारण मलिक और उनके सह-आरोपी अजायब सिंह बगरी को अदालत ने बरी कर दिया था।

बम बनाने वाले इंदरजीत सिंह रेयत को इस हमले के लिए दोषी ठहराया गया था, लेकिन 2016 में अपनी सजा का अधिकांश भाग पूरा करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया।

खालिस्तान आंदोलन से किनारा, पीएम मोदी की सराहना

2022 की शुरुआत में रिपुदमण सिंह मलिक ने खालिस्तान आंदोलन से दूरी बना ली थी और उन्होंने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए एक पत्र जारी किया था। माना जाता है कि मलिक और खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के बीच मतभेद थे।

दिलचस्प बात यह है कि मलिक को ब्लैकलिस्ट से हटाकर भारत यात्रा की अनुमति दी गई थी।

मलिक की हत्या और खालिस्तानी समूहों का आरोप

14 जुलाई 2022 को मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खालिस्तानी समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने इस हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था।

कुछ ही महीनों बाद 18 जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की भी हत्या कर दी गई। कनाडा सरकार ने इस हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया।

भारत-कनाडा संबंधों में बढ़ता तनाव

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में लगातार तनावपूर्ण रहे हैं। इसका मुख्य कारण कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियां और भारत विरोधी बयानबाजी रही है। भारत लंबे समय से कनाडा सरकार से खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई की मांग करता आया है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कनाडा की नई रिपोर्ट ने इस विवाद को और हवा दे दी है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने आंतरिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।