भारत ने शुक्रवार को वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित दो रिपोर्टों में किए गए दावों को सिरे से खारिज कर दिया। अमेरिकी अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि मालदीव की विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने के लिए भारत से 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद मांगी थी। दूसरी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) ने पाकिस्तान में व्यवस्थित हत्याओं को अंजाम दिया।
भारत का कड़ा जवाब: रिपोर्ट्स को बताया आधारहीन
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इन रिपोर्टों को खारिज करते हुए वाशिंगटन पोस्ट की साख पर सवाल उठाए।
- जायसवाल का बयान:
“यह अखबार और संबंधित पत्रकार भारत के प्रति शत्रुता रखते हैं। उनके कार्यों में एक खास पैटर्न नजर आता है। इन रिपोर्टों की सच्चाई का आकलन करना आपके ऊपर है। हमारे लिए, इनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है।”
मालदीव की साजिश के दावे का खंडन
वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया था कि भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की साजिश रची थी।
- मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के प्रमुख मोहम्मद नशीद ने कहा:
“मुझे राष्ट्रपति के खिलाफ किसी भी गंभीर साजिश की जानकारी नहीं है। भारत ऐसा कदम कभी नहीं उठाएगा क्योंकि वह हमेशा मालदीव के लोकतंत्र का समर्थन करता है।” - नशीद ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने कभी मालदीव पर अपनी शर्तें थोपने की कोशिश नहीं की।
पाकिस्तान में रॉ के कथित कार्यक्रम पर भारत की प्रतिक्रिया
वाशिंगटन पोस्ट की दूसरी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने 2021 के बाद से पाकिस्तान में लगभग आधा दर्जन लोगों की हत्या के लिए एक व्यवस्थित कार्यक्रम चलाया।
- रणधीर जायसवाल ने किया खंडन:
- इस रिपोर्ट को आधारहीन और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा बताया।
- हिलेरी क्लिंटन के बयान का जिक्र करते हुए कहा:
“आप अपने घर के आंगन में सांप पालकर यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वे सिर्फ आपके पड़ोसियों को ही काटेंगे।” - यह पाकिस्तान के आतंकी समूहों पर निशाना था, जो खुद हिंसा को बढ़ावा देते हैं।
वाशिंगटन पोस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल
भारत ने वाशिंगटन पोस्ट पर भारत के खिलाफ लगातार नकारात्मक रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया।
- जायसवाल ने कहा:
“अखबार भारत के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है और इसकी रिपोर्ट्स विश्वसनीयता से कोसों दूर हैं।”