चीन लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत कर रहा है। इस संदर्भ में, चीन ने 2025 के लिए अपने रक्षा बजट में 7.2% की वृद्धि की है। चीन ने 2025 के लिए अपने रक्षा बजट में 7.2% की वृद्धि की है, जिससे कुल बजट 1.78 ट्रिलियन युआन हो जाएगा। यह लगातार आठवां वर्ष है जब चीन ने अपने सैन्य खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि की है। चीन की यह बढ़ती सैन्य शक्ति भारत सहित पड़ोसी देशों के लिए खतरा बन सकती है।
क्या चीन भारत के लिए खतरा है?
चीन पहले से ही अपनी सेना के आधुनिकीकरण और अपनी सेना में नए हथियार, हाइपरसोनिक मिसाइलें, युद्धपोत और उच्च तकनीक रक्षा प्रणालियां जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। चीन ने पहले ही पूर्वी लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में अपना सैन्य बुनियादी ढांचा मजबूत कर लिया है। 2020 में गलवान संघर्ष के बाद चीन ने सीमा पर हवाई पट्टियों, मिसाइल प्रणालियों और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। वहीं, रक्षा बजट में बढ़ोतरी के बाद चीन अब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा सकता है। इस कारण भारत को भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ेगा
चीन भी लगातार अपनी नौसेना को मजबूत करने में जुटा हुआ है। वह नये युद्धपोत, पनडुब्बियां और विमानवाहक पोत विकसित कर रहा है। चीन श्रीलंका, पाकिस्तान (ग्वादर बंदरगाह) और म्यांमार में अपने नौसैनिक अड्डे विकसित कर रहा है। ऐसी स्थिति में हिंद महासागर में चीन की गतिविधियां भारत के लिए चुनौती बन सकती हैं। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और व्यापार मार्गों के लिए खतरा बढ़ सकता है। चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध भी सुधर रहे हैं। चीन लगातार पाकिस्तान को आधुनिक हथियार, मिसाइल और लड़ाकू विमान सप्लाई कर रहा है। हाल ही में पाकिस्तान को जेएफ-17 लड़ाकू विमान, एचक्यू-9 मिसाइल प्रणाली और आधुनिक ड्रोन मिले हैं। इससे भारत के लिए समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत के लिए चुनौतियां पेश कर सकते हैं।
साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध को आगे बढ़ाना
चीन अपने रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा साइबर युद्ध, एआई और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में निवेश करने जा रहा है। इससे भारत के लिए भी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। इसके कारण भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर साइबर हमलों का खतरा बढ़ सकता है। भारत को इस समय अपनी सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत है। भारत सरकार ने इस वर्ष रक्षा बजट भी 6.81 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया है। जो पिछले वर्ष से 6% अधिक है।