India-China Border Talks : क्या सीमा पर शांति की उम्मीद बढ़ी? भारत और चीन के बीच फिर हुई महत्वपूर्ण बातचीत

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News India Live, Digital Desk : India-China Border Talks : भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम करने के लिए एक बार फिर कूटनीतिक स्तर पर बातचीत हुई है. दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए सीमा से जुड़े मुद्दों, खासकर 'पश्चिमी सेक्टर' (लद्दाख) में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर चर्चा की. यह बैठक भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) के तहत हुई, जो सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक स्थापित मंच है.

बातचीत का मुख्य मुद्दा क्या था?

इस बातचीत का पूरा फोकस पूर्वी लद्दाख से लगे 'पश्चिमी सेक्टर' पर था. साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही इस इलाके में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने तैनात हैं. हालांकि, पिछले कुछ सालों में कई दौर की सैन्य और राजनयिक बातचीत के बाद कुछ जगहों से सेनाएं पीछे हटी हैं, लेकिन अभी भी डेपसांग और डेमचोक जैसे कई ऐसे 'टकराव वाले बिंदु' (Friction Points) हैं, जहां पर स्थिति सामान्य नहीं हुई है.

भारत ने इस बैठक में एक बार फिर इन बचे हुए सभी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी और तनाव को खत्म (De-escalation) करने की अपनी मांग को मज़बूती से रखा. भारत का हमेशा से यह रुख रहा है कि जब तक सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल नहीं होती, तब तक दोनों देशों के बीच रिश्ते पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सकते.

चीन का क्या कहना है?

चीनी पक्ष ने भी सीमा पर स्थिति को स्थिर रखने और बातचीत के ज़रिए मुद्दों को सुलझाने पर सहमति जताई. चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष सीमा की स्थिति को "शांत और नियंत्रित" करने से "सामान्य प्रबंधन और नियंत्रण" के चरण में ले जाने पर सहमत हुए हैं. हालांकि, चीन अक्सर सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों से अलग रखने की बात करता है, जिसे भारत ने कभी स्वीकार नहीं किया.

क्या इस बातचीत से कोई ठोस नतीजा निकला?

हालांकि इस बैठक में किसी बड़ी सफलता की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है. दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संपर्क बनाए रखने और जल्द ही अगले दौर की सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमत हुए हैं.

सीमा पर शांति कायम करना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है. ऐसी बैठकें बर्फ को पिघलाने में मदद करती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर स्थायी समाधान के लिए अभी और कई दौर की बातचीत की ज़रूरत होगी. जब तक सभी टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी नहीं हो जाती, तब तक भारत और चीन के रिश्तों में तल्खी बनी रहेगी.

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