Independence Day : महाराष्ट्र के इन चार गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा, खुशी से झूम उठा जनसैलाब
- by Archana
- 2025-08-16 17:12:00
News India Live, Digital Desk: इस स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर महाराष्ट्र के चार सुदूरवर्ती और दुर्गम गांवों के लिए एक ऐतिहासिक पल आया, जब आजादी के 78 साल बाद पहली बार इन गांवों में ग्राम पंचायत की ओर से औपचारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया. ये गांव पुणे जिले के जुन्नार तालुका में स्थित हैं, जिनमें कोलहे वस्ती, नंदूर, मालेगढ़ और ढांगरवाड़ी (जो खड़कवन गांव समूह का हिस्सा है) शामिल हैं. इन गांवों तक अब तक कोई पक्की सड़क नहीं थी, और आजादी के कई दशकों तक ये बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित थे.
इन गांवों में रहने वाले लोगों के लिए 15 अगस्त का यह दिन बेहद खास रहा, क्योंकि यह न केवल एक राष्ट्रीय पर्व का celebration था, बल्कि सरकारी तंत्र और सुविधाओं के उनके घरों तक पहुँचने का प्रतीक भी था. पहाड़ी क्षेत्रों और दुर्गम भूभाग में स्थित होने के कारण, ये गांव साठ-सत्तर के दशक तक किसी भी सरकारी योजना से जुड़े नहीं थे. हालाँकि, बीते समय में सड़कों का निर्माण और बिजली व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होने के बाद ही धीरे-धीरे इन गांवों का संपर्क बाहरी दुनिया से बन पाया.
आज से पहले इन गांवों में ग्रामीण अपने घरों पर व्यक्तिगत रूप से तिरंगा फहराते रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा किसी आधिकारिक स्थान पर झंडा फहराने का अवसर कभी नहीं मिला था. यह जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सचिव पर होती है, लेकिन इन गांवों तक पहुँच आसान न होने के कारण पहले यह संभव नहीं हो पाया था. इस वर्ष, पहली बार ग्राम पंचायत सचिव ने इन चार गांवों में औपचारिक रूप से तिरंगा फहराया, जिससे ग्रामीणों में immense pride और उत्साह की भावना देखी गई
पुणे के पश्चिमी घाट और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला की गोद में बसे ये गांव अतीत में अत्यधिक उपेक्षा के शिकार रहे थे. यहाँ सड़कों, बिजली और शुद्ध पेयजल की सुविधा का अभाव था, और मोबाइल नेटवर्क तक नहीं पहुंचता था. हालिया विकास कार्यों और प्रशासनिक प्रयासों के कारण, ये गांव अब विकास की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं. तिरंगा फहराना इसी बदलते परिवेश और समावेशी विकास का एक symbolic प्रतिनिधित्व करता है, जो इन ग्रामीण समुदायों के लिए बेहतर भविष्य की आशा जगाता है. यह घटना उन सभी ग्रामीण इलाकों में सरकार की पहुँच और प्रयासों का प्रमाण है, जहाँ अभी भी विकास की किरण पहुंचनी बाकी है.
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