भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 184 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेला गया। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है।
अब भारत की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदें सिडनी टेस्ट पर निर्भर हैं, जो 3 जनवरी 2025 से शुरू होगा। इसे पिंक टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
क्या है पिंक टेस्ट?
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर खेले जाने वाले इस मुकाबले को पिंक टेस्ट कहा जाता है।
- शुरुआत: पिंक टेस्ट की शुरुआत 2009 में हुई थी।
- महत्व: यह टेस्ट मैच ग्लेन मैक्ग्रा की दिवंगत पत्नी जेन मैक्ग्रा की याद में खेला जाता है, जिनकी 2008 में ब्रेस्ट कैंसर से मृत्यु हो गई थी।
- मकसद: पिंक टेस्ट का उद्देश्य ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और फंड जुटाना है।
गुलाबी रंग से सराबोर होगा SCG
- पूरे स्टेडियम में गुलाबी रंग का माहौल रहेगा।
- खिलाड़ी गुलाबी रंग की टोपी पहनेंगे।
- जर्सी पर नाम और नंबर गुलाबी रंग में लिखे होंगे।
- स्टेडियम स्टाफ और दर्शक भी गुलाबी रंग के परिधानों में नजर आएंगे।
ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन द्वारा जुटाए गए फंड का उपयोग ब्रेस्ट कैंसर रोगियों और उनके परिवारों की सहायता के लिए किया जाता है।
भारत के लिए निर्णायक मुकाबला
सिडनी टेस्ट भारत के लिए केवल सीरीज में वापसी का मौका नहीं है, बल्कि WTC फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को जिंदा रखने का आखिरी अवसर भी है।
- ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड: सिडनी में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन हमेशा शानदार रहा है।
- चुनौतीपूर्ण पिंक टेस्ट: पिंक टेस्ट की खास परंपरा और माहौल भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य और भारत का दबाव
ऑस्ट्रेलिया:
- सीरीज में बढ़त बरकरार रखते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने नाम करना चाहेगा।
भारत:
- यह मुकाबला जीतकर न केवल सीरीज बराबर करनी होगी बल्कि WTC फाइनल की दौड़ में बने रहना होगा।