दिन-ब-दिन महंगाई अपनी मार झेल रही है, जिससे गृहिणी का बजट गड़बड़ा रहा है। पिछले एक साल में पेट्रोल, डीजल, अनाज, किराना और सब्जियों की कीमतें रॉकेट गति से बढ़ी हैं। पिछले साल दिसंबर 2023 में सब्जियों की कीमत 20 रुपये प्रति किलो थी, दिसंबर 2024 में इसकी कीमत 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. जिसके कारण गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार पूछ रहे हैं कि क्या खायें और क्या नहीं खायें।
सब्जियों के दाम में भारी बढ़ोतरी
अहमदाबाद में सब्जियों की कीमत आधी हो गई है. यूं तो सर्दियों में सब्जियां 30 से 40 रुपये प्रति किलो मिलनी चाहिए, लेकिन फिलहाल 60 से 70 रुपये प्रति किलो मिल रही हैं. सब्जियों में सबसे ज्यादा रसोई में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच रही है. इस समय आलू, टमाटर, बैंगन, मटर, तुवर, ग्वार, चोली, गाजर, फैंसी, फूल, गोभी, धनिया, नींबू, मिर्च, अदरक और भिंडी जैसी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
लहसुन घी का भाव सही मिल रहा है
दिसंबर 2024 में आलू की कीमत 50/55 रुपये प्रति किलो, जबकि प्याज की कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. जब लहसुन की कीमत 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है यानी घी की कीमत के बराबर, तो हरी सब्जियों की कीमत भी दोगुनी देखी जा रही है. जिसमें मेथी, पालक, धनिया, मूली की कीमत भी 50 रुपये प्रति किलो के आसपास है, आमतौर पर सर्दियों की सब्जियां 20 रुपये प्रति किलो के आसपास मिलती हैं. कड़ाके की ठंड में भी मध्यमवर्गीय परिवारों की रसोई से सब्जियां गायब हो रही हैं।
कीमत बढ़ने के पीछे मुख्य कारण क्या है?
व्यापारियों के मुताबिक सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए मौसम में बदलाव जिम्मेदार है. लगातार बेमौसम बारिश के कारण किसानों की फसल से आय कम हो रही है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं. इस समय एक के बाद एक बढ़ती कीमतों से गृहणियां परेशानी में हैं और वे मांग कर रही हैं कि इन कीमतों में बढ़ोतरी को नियंत्रित किया जाए।