बजट 2024 की उम्मीदें: नई सरकार का नया बजट आने वाला है। मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट। उम्मीद है कि इस बार बजट अलग हो सकता है। क्योंकि, इस बार गठबंधन सरकार का बजट है। इसलिए मध्यम वर्ग और करदाताओं के लिए रास्ता खुल सकता है। करदाता टैक्स के बोझ से राहत चाहते हैं। उम्मीद पूरी है। लेकिन, वित्त मंत्री वही हैं। क्या कोई सरप्राइज होगा या हर बार की तरह इस बार भी ग्रोथ पर ही फोकस रहेगा। क्या सरकार इनकम टैक्स के मामले में कोई बड़ी सौगात देगी?
सूत्रों का कहना है कि 22 जुलाई 2024 के बजट में कुछ खास हो सकता है। क्योंकि, यह चुनाव के बाद बनने वाली गठबंधन सरकार की जिम्मेदारी भी होगी। क्योंकि, पिछले कई बजट में करदाताओं के हाथ खाली रहे हैं। करदाताओं की मुराद पूरी होती है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल चर्चा यह है कि जुलाई के बजट में 10 लाख रुपये तक की आय वालों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।
क्या आयकर स्लैब में बड़ा बदलाव होगा?
वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक करदाताओं को राहत देने के लिए बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव देखने को मिल सकता है. यह किसी खास सैलरी कैटेगरी के लिए हो सकता है. पुरानी टैक्स व्यवस्था में इनकम टैक्स के कुल 5 स्लैब हैं. इनमें 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री कैटेगरी में आती है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं 5 लाख से 10 लाख की आय पर सीधे 20 फीसदी टैक्स देना होता है. 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है और 20 लाख से ज्यादा आय वालों को भी 30 फीसदी टैक्स देना होता है. वहीं नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की सैलरी अभी भी टैक्स फ्री कैटेगरी में आती है.
आयकर स्लैब में क्या होगा?
सूत्रों की मानें तो बजट में 10 लाख रुपये तक की आय का ढांचा फोकस में रहेगा। इसमें बदलाव की संभावना है। अभी 10 लाख रुपये तक की सैलरी पर सीधे 20 फीसदी टैक्स लगता है। इस टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स को घटाकर 10 फीसदी किया जा सकता है। इसके अलावा 30 फीसदी टैक्स स्लैब में भी बदलाव पर विचार किया जा रहा है।
15 लाख रुपये से अधिक आय वालों का क्या होगा?
पुरानी टैक्स व्यवस्था हो या नई टैक्स व्यवस्था, दोनों में 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। लेकिन, अगर पुरानी व्यवस्था में 30 फीसदी टैक्स कम किया जाता है या इसमें बदलाव किया जाता है तो इसका फायदा नई व्यवस्था में भी मिल सकता है। संभावना है कि नई टैक्स व्यवस्था में भी 15 फीसदी वाले स्लैब को खत्म कर दिया जाए। 10 लाख रुपये तक की आय पर सीधे 10 फीसदी टैक्स लगाया जाए और 10 से 15 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगाया जाए। ऐसे में 10 से 12 फीसदी वाले स्लैब में आने वालों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा, लेकिन 10 लाख रुपये तक बड़ी राहत मिलेगी। सूत्रों की मानें तो स्लैब में बदलाव कर इसे पुरानी व्यवस्था की तरह आकर्षक बनाने की कोशिश की जा सकती है।