Income Tax Slabs: इनकम टैक्स स्लैब में हुआ बदलाव, इन लोगों को मिला 17500 रुपये का फायदा, यहां जानिए डिटेल

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Income Tax Slab and Tax Rate: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने सातवें बजट में उम्मीद के मुताबिक आयकर के मोर्चे पर कोई बड़ी राहत तो नहीं दी, लेकिन नई कर व्यवस्था चुनने वालों के लिए मामूली रियायतों की व्यवस्था की. नई कर व्यवस्था में मानक कटौती को 50 फीसदी बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और टैक्स स्लैब में बदलाव करने का प्रस्ताव बजट में रखा गया. इसी तरह पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का भी प्रस्ताव है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने नए कर का विकल्प चुना है. पिछले वित्त वर्ष में 8.61 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे. बजट में आज घोषित नए स्लैब 1 अप्रैल 2024 (आकलन वर्ष 2025-26) से प्रभावी होंगे.

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में दावा किया कि नई कर व्यवस्था में आयकर स्लैब में किए गए बदलाव और मानक कटौती को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करने से करदाताओं को करीब 17,500 रुपये की बचत होगी और सरकार को 7 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इससे चार करोड़ वेतनभोगी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। पुरानी कर व्यवस्था के साथ चलने वालों को कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है।

नई कर व्यवस्था: नए स्लैब

आयकर स्लैब आयकर दर 
रु.3,00,000 तक शून्य
रु.3,00,001 – रु.7,00,000 5%
रु.7,00,001 – रु.10,00,000 10%
रु.10,00,001 – रु.12,00,000 15 %
रु. 12,00,001 – 15,00,000 20%
15 लाख रुपये से अधिक 30%

 

वित्त मंत्री ने कहा कि नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की जा रही है। इसके अलावा पहले की तरह 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा, 3 से 7 लाख रुपये पर 5 फीसदी, 7 से 10 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी, 10 से 12 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। इसके अलावा पारिवारिक पेंशन में कटौती की सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है।

पुरानी कर व्यवस्था में कुछ भी नहीं बदला

पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुराने स्लैब और पुरानी दरें वही रहेंगी। पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था। इसके बाद 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5%, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था में कई टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स पर छूट दी गई है।

आयकर दर नई कर दर पुरानी कर दर
2,50,000 रुपये तक शून्य
रु.2,50,001 – रु.5,00,000 5 %
रु.5,00,001 – रु.10,00,000 20%
10 लाख रुपये से अधिक 30

 

एनपीएस में क्या बदलाव हुआ?

नई पेंशन योजना (एनपीएस) में नियोक्ता द्वारा किए जाने वाले अंशदान को कर्मचारी के वेतन का 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसी तरह, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों में नई कर व्यवस्था चुनने वाले कर्मचारियों की आय से वेतन के 14 प्रतिशत तक के व्यय की कटौती का प्रावधान करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी। धर्मार्थ संस्थानों के लिए दो कर छूट प्रणालियों को एक में विलय करने का प्रस्ताव है। इसी तरह, कई भुगतानों पर पांच प्रतिशत टीडीएस की दर को घटाकर दो प्रतिशत टीडीएस दर किया जा रहा है। “बजट में ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही वेतन पर काटे गए टीडीएस की गणना में टीसीएस की राशि का लाभ देने का प्रस्ताव है।