Income Tax Rules: 10 लाख तक की आय पर नहीं देना होगा टैक्स! क्या है पूरा कैलकुलेशन

इनकम टैक्स रिफंड: चुनावी मौसम खत्म हो चुका है. सरकार किसकी बनेगी इसकी तस्वीर भी लगभग साफ हो चुकी है. चुनावी रुझान एनडीए के पक्ष में हैं और उसने 292 सीटें जीत ली हैं. लेकिन इस बीच आपको इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) का भी ध्यान रखना होगा. पिछले साल की तरह इस बार भी ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. अगर आप समय पर ITR दाखिल नहीं करते हैं तो आपको पेनाल्टी देनी पड़ सकती है. लेकिन ITR दाखिल करने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि आप किस तरह से अधिकतम इनकम टैक्स बचा सकते हैं?

2.50 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं

आयकर की पुरानी व्यवस्था के तहत 2 लाख 50 हजार रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन यहां हम आपको बताएंगे कि आप 10 लाख रुपये तक की आय पर आयकर की देनदारी से कैसे बच सकते हैं। यानी आपको 10 लाख रुपये तक की आय पर एक भी रुपये का टैक्स नहीं देना होगा। आइए जानते हैं कैसे?

आयकर देयता कम करने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें-

1. अगर आपकी सालाना आय भी 10.50 लाख रुपये है तो आप इनकम टैक्स देने से कैसे बच सकते हैं। यहां हम आपको इसका पूरा गणित बताएंगे। इस आय पर सबसे पहले आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार रुपये की छूट मिलेगी। इससे आपकी 10.50 लाख रुपये की टैक्सेबल आय घटकर 10 लाख रुपये रह जाती है।

2. अब 10 लाख रुपये की आय में से आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की बचत का दावा कर सकते हैं। धारा 80सी के तहत आप एलआईसी, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि बच्चों की ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) और ईपीएफ में किए गए निवेश पर दावा कर सकते हैं। इसके तहत आप होम लोन की मूल राशि पर भी दावा कर सकते हैं। इस तरह आपकी कर योग्य आय 8 लाख 50 हजार रुपये रह जाती है।

3. इसके बाद आप आयकर अधिनियम की धारा 24बी के तहत 2 लाख रुपये का दावा कर सकते हैं। यह छूट आपको होम लोन की ब्याज राशि पर मिलती है। इन दो लाख रुपये का दावा करने के बाद आपकी कर योग्य आय 6.50 लाख रुपये रह जाती है।

4. इसके बाद आप टैक्स सेविंग के लिए सेक्शन 80डी के तहत 25000 रुपये तक का मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं तो आप उनके हेल्थ इंश्योरेंस के लिए 50000 रुपये क्लेम कर सकते हैं। इस तरह अगर आप 75000 रुपये का प्रीमियम क्लेम करते हैं तो आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 5.75 लाख रुपये रह जाती है।

5. अब आप अपनी टैक्स देनदारी कम करने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में 50,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं। आप इसे 80CCD (1B) के तहत क्लेम कर सकते हैं। यानी अब आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 5.25 लाख रुपये रह गई है। आप इसे और भी कम कर सकते हैं।

6. इसके बाद अगर आप किसी संस्था या ट्रस्ट को 25000 रुपये दान करते हैं तो आपको आयकर की धारा 80जी के तहत लाभ मिलेगा और आपकी कर योग्य आय घटकर 5 लाख रुपये रह जाएगी।

7. 2.50 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत की दर से 12500 रुपए टैक्स लगता है। लेकिन सरकार की ओर से आपको इसमें छूट दी जाती है। इस तरह आपका टैक्स शून्य रुपए हो गया है।

आपको बता दें कि पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है। इसके बाद 5 से 10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी टैक्स का प्रावधान है। इसके अलावा 10 लाख रुपये और उससे ज्यादा की सालाना आय पर 30 फीसदी टैक्स देनदारी है।