इनकम टैक्स नियम: इन दस्तावेजों के बिना कभी न भरें ITR, वरना बाद में होगी परेशानी

नई दिल्ली। अगर आप भी इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है।

आपको बता दें कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2024 है.

आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को भी काफी आसान बना दिया है. अब करदाता आसानी से वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और करदाता सूचना सारांश (टीडीएस) भर सकते हैं। आयकर विभाग ने टीडीएस और एआईएस भरने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है।

उम्मीद है कि एआईएस मई के पहले हफ्ते में रिलीज हो सकती है. कई कंपनियों ने अभी तक अपने कर्मचारियों के लिए फॉर्म-16 जारी नहीं किया है.

आईटीआर दाखिल करना हुआ आसान

आयकर विभाग करदाताओं को सुविधा देने के लिए कई कदम उठा रहा है। विभाग ने एआईएस भरने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के बाद अब उपयोगकर्ता आसानी से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

हालाँकि, जब तक करदाता को एआईएस और फॉर्म 16 नहीं मिल जाता, उसे रिटर्न दाखिल नहीं करना चाहिए। अगर करदाता इनके बिना रिटर्न दाखिल करता है तो आय और ब्याज के आंकड़ों में अंतर आ सकता है. जिसके कारण आपको आयकर विभाग से नोटिस भी मिल सकता है।

एआईएस क्या है?

  • AIS एक तरह का फॉर्म है जो आयकर विभाग द्वारा दिया जाता है। इसमें करदाता की कमाई और उसकी आय के स्रोतों का विवरण होता है।
  • इसका मतलब यह है कि इस फॉर्म में बचत खाते से ब्याज आय, एफडी से आय, लाभांश, म्यूचुअल फंड के अलावा किसी अन्य प्रतिभूतियों से आय और विदेश से कमाई आदि की जानकारी होती है।
  • सरल भाषा में समझें तो पूरे वित्त वर्ष के दौरान सभी वित्तीय लेन-देन के विवरण को AIS कहते हैं। TDS, AIS का सारांश है।

फॉर्म-16 में क्या-क्या जानकारी होती है

रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म-16 बेहद जरूरी है. यह एक तरह का टीडीएस सर्टिफिकेट है. यह सर्टिफिकेट कंपनी द्वारा कर्मचारी को दिया जाता है. टीडीएस में कर्मचारी के वेतन से कितनी छूट काटी गई और पूरे कारोबारी साल के दौरान कितनी कटौती की गई, इसकी जानकारी होती है।

फॉर्म 16 प्राप्त करने के बाद सबसे पहले क्या करें?

  • करदाता को फॉर्म 16 मिलते ही सबसे पहले यह जांच लेना चाहिए कि उसमें दी गई जानकारी सही है या नहीं। यदि कोई गलती पाई जाती है तो करदाता को तुरंत नियोक्ता से संपर्क करना चाहिए। सभी जानकारी सही होने के बाद ही कर्मचारी को रिटर्न दाखिल करना चाहिए।
  • कर्मचारी को फॉर्म 16 में दी गई जानकारी को दोबारा जांचना होगा। इसके लिए कर्मचारी आयकर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म- 26AS और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) का मिलान कर सकता है। करदाता को यह देख लेना चाहिए कि टीडीएस की राशि एक समान होनी चाहिए और इसमें कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
  • करदाता को फॉर्म 16 में यह जांच लेना चाहिए कि इसमें उसे मिलने वाले भत्ते आदि की जानकारी है या नहीं। कंपनी की ओर से कर्मचारी को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और लीव ट्रैवल असिस्टेंस (LTA) दिया जाता है।

इसे भी जांचें

  • करदाता को यह जांच लेना चाहिए कि फॉर्म में दिया गया पैन नंबर सही है या नहीं। अगर पैन नंबर गलत है तो वह टैक्स रिफंड के लिए दावा नहीं कर सकता.
  • फॉर्म 16 में सभी बुनियादी जानकारी जैसे नाम, पता और कंपनी का टैन नंबर आदि अवश्य जांच लें।
  • यदि करदाता ने पुरानी कर व्यवस्था का चयन किया है तो उसे कटौती का विवरण भी जांच लेना चाहिए।
  • अगर करदाता ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान नौकरी बदली है तो उसे पुरानी कंपनी से फॉर्म 16 लेना होगा.
  • आय की सही जानकारी जांचना बहुत जरूरी है. अगर आय या आय स्रोत से जुड़ी कोई जानकारी गलत है तो आयकर विभाग से नोटिस भी आ सकता है।