आयकर रिटर्न: चार्टर्ड अकाउंटेंट और वेबसाइट रिटर्न दाखिल करने के लिए कितना शुल्क लेते हैं?

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि नजदीक है। ऐसे में करदाताओं को जल्द से जल्द रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा मुख्य रूप से उन करदाताओं पर लागू होती है जिनके खातों को ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं होती है। यहां हम आपको ITR दाखिल करने से जुड़े प्लेटफॉर्म और लागत के बारे में बता रहे हैं:

सीधे आयकर विभाग के पोर्टल के माध्यम से

रिटर्न दाखिल करने का सबसे सस्ता विकल्प आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर सीधे यह प्रक्रिया करना है। करदाता अपने पैन नंबर का उपयोग करके इस वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। इसमें पहले से तय टेम्पलेट और मेन्यू आधारित प्रक्रिया है। रिटर्न भरने के बाद इसे XML फाइल के जरिए सबमिट किया जा सकता है। रिटर्न का सत्यापन फिजिकल सिग्नेचर, आधार ऑथेंटिकेशन, डिजिटल सिग्नेचर और ऑनलाइन बैंकिंग वेरिफिकेशन के जरिए किया जा सकता है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) के माध्यम से फाइलिंग

कई करदाता अपना ITR दाखिल करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट को नियुक्त करते हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट आमतौर पर पूरी प्रक्रिया को संभालते हैं, यानी फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS जैसे दस्तावेजों के आधार पर रिटर्न जमा करने के लिए तैयार करते हैं। मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, ऐसी सेवाओं की कीमत आमतौर पर 1,500 रुपये से 2,000 रुपये के बीच होती है।

तृतीय-पक्ष वेबसाइटों का उपयोग

करदाता रिटर्न दाखिल करने के लिए क्लियरटैक्स, टैक्स2विन, टैक्सबडी, क्विको और अन्य जैसे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस प्रदान करते हैं और करदाताओं के लिए फाइलिंग प्रक्रिया के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। लागत आम तौर पर कम होती है, जो 500 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक होती है। विशेष सेवाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है।

समय पर रिटर्न दाखिल करने का महत्व

अगर आप समय-सीमा के भीतर अपना रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आप न केवल कर कानूनों का अनुपालन करते हैं, बल्कि आपको जुर्माना भी नहीं देना पड़ता है। देरी से रिटर्न दाखिल करने पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत जुर्माना भरना पड़ सकता है।