इनकम टैक्स: करदाता किराए और ब्याज के पैसे पर बचा सकते हैं टीडीएस, बस अपनाएं ये टिप्स

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नई दिल्ली। टैक्स नियम आयकर विभाग द्वारा बनाये जाते हैं। इसके अलावा टैक्स भुगतान के लिए टैक्स स्लैब भी बनाया गया है. टैक्स स्लैब में आने वाले करदाताओं को समय पर टैक्स चुकाना होता है.

अगर करदाता समय से पहले टैक्स का भुगतान नहीं करता है तो उसे आयकर विभाग की ओर से नोटिस (इनकम टैक्स नोटिस) भी मिलता है। टीडीएस उन करदाताओं के लिए काटा जाता है जो किराए या बैंक जमा पर ब्याज से आय अर्जित करते हैं।

कृपया ध्यान दें कि टीडीएस आयकर स्लैब के आधार पर काटा जाता है। आयकर अधिनियम 1961 में टीडीएस दरों से संबंधित नियम बनाए गए हैं।

यदि करदाता की आय टैक्स स्लैब में नहीं आती है यानी कर योग्य नहीं है लेकिन फिर भी उसका टीडीएस काटा जा रहा है तो उसे जल्द से जल्द सुधार करने की जरूरत है। इसके लिए करदाता को फॉर्म 15G/H भरना होगा.

किन करदाताओं को फॉर्म 15जी/एच भरना चाहिए?

फॉर्म 15जी/एच दो अलग-अलग आयु समूहों के लिए है। फॉर्म 15H का इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिक यानी जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, वो करते हैं. वहीं, 15G का इस्तेमाल 60 साल से कम उम्र के लोग कर सकते हैं। फॉर्म 15G/H उन करदाताओं द्वारा भरा जाता है जो कर भुगतान करने के पात्र नहीं हैं और उनका टीडीएस काट लिया जाता है।

फॉर्म 15जी/एच एक तरह का स्व-घोषणा फॉर्म है। यह फॉर्म केवल टीडीएस कटौती के लिए बनाया गया है। इस फॉर्म के जरिए करदाता टीडीएस के तहत 2.5 लाख रुपये की कटौती का लाभ उठा सकते हैं। जबकि वरिष्ठ नागरिक करदाता 3 लाख रुपये तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

नए टैक्स सिस्टम में शामिल करदाता अगर यह फॉर्म भरता है और उसकी आय 7 लाख रुपये से कम है तो उसे टैक्स देने की जरूरत नहीं है.

फॉर्म 15जी/एच के बारे में

इस फॉर्म को दो भागों में बांटा गया है. करदाता को इस फॉर्म में सभी जानकारी सही-सही भरनी चाहिए। एक खास बात जिस पर करदाता को ध्यान देना चाहिए वो ये है कि इस फॉर्म में नाम और जन्मतिथि सही-सही भरें.

करदाता को फॉर्म में आय स्रोत की जानकारी भी देनी होगी. अगर करदाता के पास 4 बैंक खाते हैं तो उन्हें उनकी भी जानकारी देनी होगी.