Income Tax: अगर करदाता ने इस तारीख से पहले दाखिल किया ITR तो भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना, जानें वजह?

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ITR दाखिल करते समय इस्तेमाल होने वाला ITR फॉर्म 1 अप्रैल से मिलना शुरू हो गया है। ऐसे में लोग जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करना चाह रहे हैं। लेकिन नौकरीपेशा लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कुछ दिन इंतजार करना चाहिए। आइए इसके पीछे की वजह बताते हैं।

इस तिथि के बाद ITR फाइल करें

नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ दिनों बाद आईटीआर दाखिल करना समझदारी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) और फॉर्म 26एएस आमतौर पर 31 मई तक ही पूरी तरह अपडेट होता है। जिसके बाद टीडीएस सर्टिफिकेट मिलने में 12 से 15 दिन का समय लगता है। वैसे तो एआईएस और फॉर्म 26एएस में कुछ डेटा 31 मई से पहले भी अपडेट किया जा सकता है, लेकिन आम तौर पर पिछले साल की आखिरी तिमाही का डेटा 31 मई तक ही अपडेट होता है। ऐसे में आपको 15 जून के बाद ही अपना आईटीआर दाखिल करना चाहिए।

आयकर विभाग को देनी होगी सारी जानकारी

दरअसल, हर साल बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को आयकर विभाग के साथ वित्तीय लेन-देन का ब्योरा साझा करना होता है। इन ब्यौरों में शेयर, म्यूचुअल फंड, लाभांश, बचत बैंक खाते पर प्राप्त ब्याज, सावधि जमा, सार्वजनिक भविष्य निधि खाता, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान आदि से होने वाली आय शामिल होती है। इन संस्थानों द्वारा ब्योरा उपलब्ध कराए जाने के बाद करदाताओं के लिए उपलब्ध वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) को अपडेट किया जाता है। ऐसे में अगर आप अधूरा रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

एआईएस क्या है?

आपको बता दें कि एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट में करदाता के लेन-देन की जानकारी होती है। इसमें टैक्स और नॉन-टैक्स दोनों तरह के लेन-देन की जानकारी भी शामिल होती है। आपकी समझ के लिए बता दें कि AIS में कुल सैलरी इनकम और उस पर कटने और जमा होने वाले टैक्स को दिखाया जाएगा। इसके अलावा शेविंग बैंक अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को भी AIS में अपडेट किया जाता है। हालांकि, इस ब्याज पर कोई टैक्स नहीं काटा जाता।