Income Tax: नौकरीपेशा लोग इन 5 तगड़े तरीकों से बचा सकते हैं इनकम टैक्स, यहां जानें डिटेल्स

वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है। वेतनभोगी से लेकर कारोबारी तक हर कोई इसके लिए प्लानिंग कर रहा है। इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक अगर आपने पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनी है तो आपको 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, वहीं अगर आपने नई टैक्स व्यवस्था चुनी है तो 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना है। ऐसे में चाहे नौकरीपेशा हो या कारोबारी, हर कोई अपने-अपने तरीके आजमाकर इनकम टैक्स बचाने की कोशिश कर रहा है।

कामकाजी लोगों की बात करें तो उनके लिए टैक्स सेविंग हमेशा से ही एक चुनौती रही है। उन्हें अपने मासिक खर्चों के साथ-साथ बचत, निवेश और रिटायरमेंट की भी योजना बनानी होती है। ऐसे में आपकी जरूरतों को समझते हुए यहां हम कामकाजी लोगों के लिए वो तरीके बताने जा रहे हैं जिनके जरिए आप आसानी से अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं।

गृह ऋण

अगर आपने होम लोन लिया है तो आप 80सी के तहत उसके मूलधन पर टैक्स छूट पा सकते हैं। इसके अलावा आप होम लोन के ब्याज पर भी छूट पा सकते हैं। यह छूट आपको आयकर की धारा 24(बी) के तहत मिल सकती है। आयकर नियमों के मुताबिक 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। हालांकि, यह टैक्स छूट तभी मिलेगी जब प्रॉपर्टी ‘सेल्फ ऑक्यूपाइड’ हो।

ईपीएफ

वेतनभोगी लोगों के लिए सबसे आसान टैक्स बचत विकल्पों में से एक है कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)। इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है। PF खाते में सालाना मिलने वाला 2.5 लाख रुपये तक का ब्याज कर मुक्त होता है।

एचआरए

हाउस रेंट अलाउंस। HRA एक ऐसा भत्ता है जो कर्मचारियों को उनके घर का किराया चुकाने के लिए दिया जाता है। आपकी कंपनी आपके वेतन के साथ HRA का भी भुगतान करती है। आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) के तहत कुछ सीमाओं के भीतर HRA पर कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है।

1. एचआरए के रूप में कुल आय पर कर छूट।

2. मेट्रो शहर में रहने वाले व्यक्ति के लिए मूल वेतन का 50% तक, छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के लिए मूल वेतन का 40% तक।

3. कुल वार्षिक आय का 10% मकान किराया देने पर।

इन तीनों तथ्यों की गणना करने के बाद जो सबसे कम राशि निकलेगी, उसका इस्तेमाल एचआरए से टैक्स छूट के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा एचआरए के रूप में होने वाली आय पर टैक्स सिर्फ वही वेतनभोगी बचा सकता है, जिसके वेतन में एचआरए शामिल हो और वह किराए के घर में रहता हो। इस छूट को पाने के लिए आपको किराएदारी का एग्रीमेंट या घर के किराए की रसीद देनी होगी।

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत अगर करदाता स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम भरता है तो उसे टैक्स में छूट मिलती है। अगर आपने अपने, जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ली है तो आप 25,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स क्लेम कर सकते हैं। इस मामले में माता-पिता की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। अगर आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं तो टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये होगी।

ट्यूशन शुल्क

आप अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल/कॉलेज की जो फीस देते हैं, उसमें से ट्यूशन फीस वाले हिस्से पर टैक्स छूट पा सकते हैं। आयकर की धारा 80 (सी) के खंड 17 के तहत ट्यूशन फीस या स्कूल फीस देने वाले अभिभावकों को आयकर छूट का प्रावधान है। यह छूट दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर ली जा सकती है। लेकिन इस छूट को पाने के लिए आपको संस्थान से एडमिशन सर्टिफिकेट और फीस की रसीद जमा करानी होगी।