Income Tax Act, 2025 : 64 साल पुराना इनकम टैक्स कानून ख़त्म! अब आएगा नया ज़माना, नया टैक्स सिस्टम
Income Tax Act, 2025 : आप एक ऐसी गाड़ी चला रहे हैं जो 64 साल पुरानी हो। उसका इंजन, उसके पुर्ज़े, सब कुछ पुराने ज़माने का हो। आज की तेज़ रफ़्तार सड़कों पर उसे चलाना कितना मुश्किल होगा? कुछ ऐसा ही हाल हमारे देश के इनकम टैक्स कानून का था, जो 1961 में बना था। लेकिन अब सरकार ने इस पुराने कानून को अलविदा कहने का पूरा मन बना लिया है। राष्ट्रपति ने नए 'आयकर अधिनियम, 2025' को अपनी मंज़ूरी दे दी है और जल्द ही यह पुराने क़ानून की जगह ले लेगा।
क्यों पड़ी नए कानून की ज़रूरत?
पुराना इनकम टैक्स कानून इतना पुराना और पेचीदा हो चुका था कि उसमें हज़ारों बार बदलाव किए जा चुके थे। हर बजट में कुछ नया जुड़ता, कुछ पुराना हटता, जिससे यह आम आदमी और कारोबारियों के लिए एक भूलभुलैया जैसा बन गया था। इसी वजह से टैक्स से जुड़े मुक़दमे भी बढ़ते जा रहे थे और देश का क़ीमती समय और पैसा बर्बाद हो रहा था।
सरकार का मानना है कि आज की डिजिटल अर्थव्यवस्था और बदले हुए कारोबारी माहौल के लिए एक नए, सरल और स्पष्ट कानून की ज़रूरत है, जो मुक़दमेबाज़ी को कम करे और लोगों के लिए टैक्स भरना आसान बनाए।
क्या होगा सबसे बड़ा बदलाव?
नए कानून में जो सबसे बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है, वह है 'केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड' यानी CBDT का गठन। जी हाँ, आपने सही पढ़ा। अब तक आयकर विभाग को चलाने वाले CBDT को नए क़ानून में संवैधानिक दर्जा दिया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि अब यह एक مستقل और ज़्यादा ताक़तवर संस्था होगी, ठीक चुनाव आयोग या UPSC की तरह।
इस नए बोर्ड में एक अध्यक्ष और छह सदस्य होंगे, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करेंगे। यह बोर्ड सीधे संसद के प्रति जवाबदेह होगा। माना जा रहा है कि इससे टैक्स प्रशासन में ज़्यादा पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी।
क्या होंगे फ़ायदे?
- सरल भाषा: नए कानून को आसान भाषा में लिखा गया है, ताकि आम आदमी भी इसे समझ सके।
- कम मुक़दमे: कानून में स्पष्टता होने से टैक्स विवादों में कमी आने की उम्मीद है।
- बेहतर प्रशासन: नए CBDT के बनने से टैक्स कलेक्शन और प्रशासन की पूरी प्रक्रिया सुधरेगी।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था पर फ़ोकस: नया कानून आज के ऑनलाइन कारोबार और डिजिटल लेन-देन को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
यह भारत के टैक्स सिस्टम में एक बहुत बड़ी छलांग है। हालाँकि, अभी यह देखना बाक़ी है कि ज़मीन पर यह कितना कामयाब होता है, लेकिन एक बात तो तय है कि सरकार ने टैक्स सुधार की दिशा में एक बहुत मज़बूत और साहसिक क़दम उठाया है, जिसका असर हर एक टैक्स भरने वाले नागरिक पर पड़ेगा।
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