कांग्रेस संगठन परिवर्तन: कांग्रेस में संगठनात्मक परिवर्तन की प्रक्रिया जारी है। पार्टी में नए सचिवों की नियुक्ति के साथ ही कुछ राज्यों के क्षेत्रीय अध्यक्षों की भी नियुक्ति की जाएगी। इसमें तमिलनाडु, केरल, असम, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। एससी-एसटी विभाग समेत कुछ विभागों के प्रमुख भी बदले जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार जिन राज्यों में प्रभारी बदल गए हैं, वहां क्षेत्रीय अध्यक्ष बदलने की संभावना कम है।
कांग्रेस जिला अध्यक्षों को दे सकती है बड़ी जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार, मूल बातों पर वापस जाते हुए, कांग्रेस पार्टी महत्वपूर्ण निर्णय लेने का कार्य जिला इकाइयों को सौंपने पर विचार कर रही है, जो संगठन के मुख्य घटक हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी आलाकमान की बैठक में जिला कांग्रेस समितियों (डीसीसी) के इर्द-गिर्द पार्टी के पुनर्गठन के विचार पर चर्चा की गई, जिसमें राज्य इकाइयों को चलाने की जिम्मेदारी पदाधिकारियों को सौंपी गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने जिला इकाइयों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही, जिसमें इसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और वफादार कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना शामिल है।
प्रत्याशी चयन में जिला स्तरीय सलाह महत्वपूर्ण
सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर भविष्य का निर्णय जिला कांग्रेस कमेटियों को अधिक महत्व देने के इर्द-गिर्द घूमता है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में जिला इकाइयों को महत्वपूर्ण बना सकती है। जबकि वर्तमान प्रक्रिया में सिफारिशें डीसीसी से शुरू होकर राज्य इकाइयों और फिर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पास जाती हैं।
कांग्रेस की बैठक में कुछ लोगों ने कहा कि 1960 के दशक में पार्टी जिलों में संगठित थी, उसके बाद यह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में स्थानांतरित हो गयी। इसके अलावा, जिला इकाइयों के नेतृत्व को रणनीति और प्रचार में बड़ी भूमिका मिल सकती है, क्योंकि पार्टी उनके सुझावों पर काम कर रही है।