जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विवि में दो दिवसीय रामोत्सव का शुभारंभ

चित्रकूट,16 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृत संस्थान संस्कृति विभाग की ओर से चित्रकूट में दो दिवसीय रामोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के अष्टावक्र सभागार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडे एवं जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।

उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री शोभना नारायण ने चित्रकूट के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए राम और चित्रकूट के जुड़ाव को अपने उद्बोधन में व्यक्त करते हुए लोक में राम के महत्व को बताया। मुख्य अतिथि रहे जिलाधिकारी ने संस्कृति विभाग को चित्रकूट में इस कार्यक्रम के आरंभ करने पर आभार व्यक्त करते हुए स्वागत किया और यह आश्वासन दिया कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी निरंतर होते रहेंगे जो भगवान राम के लोक संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति शिशिर कुमार पांडेय ने संस्कृति विभाग को यह विश्वास दिलाया कि आगे भी जब भी कभी ऐसे कार्यक्रम संस्कृति विभाग आयोजन करना चाहेगा तो विश्वविद्यालय उसमें सदैव बढ़-चढ़कर सहयोग करेगा और न केवल विश्वविद्यालय में ही अपितु चित्रकूट के बाहर भी विश्वविद्यालय संस्कृति संस्थान के सहयोग से ऐसे कार्य आयोजनों को आयोजित करता रहेगा। जिससे जन-जन में भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार संरक्षण एवं संवर्धन हो सके।

उद्घाटन सत्र के समापन के पश्चात तुरंत ही सांस्कृतिक संध्या प्रारंभ हुई। जिसमें दिव्यांग विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की प्रियंका मिश्रा एवं उनकी टीम ने दृष्टिबाधित छात्रा-छात्राओं के साथ अद्भुत प्रस्तुति दी। जिसमें नवरात्र और राम जन्म महोत्सव के अवसर को ध्यान में रखते हुए भगवान राम के प्रति पारंपरिक सोहर एवं बधाई गीत से कार्यक्रम का आरंभ किया। प्रियंका मिश्रा की प्रस्तुति पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई। उसके पश्चात मानिकपुर जनजाति समुदाय से दो प्रस्तुतियां हुई जिनमें सुखराम द्वारा जवारा नृत्य एवं बूटी भाई के ग्रुप द्वारा राई नृत्य का मंचन किया गया।

इसी क्रम में मिर्जापुर से आई प्रसिद्ध लोक गायिका सुश्री रानी सिंह ने मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजरी प्रस्तुत कर श्रोताओं को लोक में राम का दर्शन कराया। पद्मश्री शोभना नारायण द्वारा लोक नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। जिसने श्रोताओं को राम के शक्ति पूजा एवं राम की उपासना पद्धति के मंचन को देखकर भाव विभोर होने पर विवश कर दिया। अंत में प्रयाग से आई वीना सिंह जी द्वारा ढेढिया नृत्य की प्रस्तुति की गई जिसमें उनके पूरे दल के द्वारा ढेढिया नृत्य का दिव्य मंचन किया गया और उन्हीं के प्रस्तुति के साथ प्रथम दिवस का कार्यक्रम विश्राम हुआ।

कार्यक्रम संयोजक डा0 गोपाल मिश्रा ने बताया कि द्वितीय दिवस का कार्यक्रम रामघाट पर सायं 5 बजे से प्रारंभ होना है। जिलाधिकारी एवं विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में रामघाट पर पहुंचकर इस सांस्कृतिक उत्सव का लाभ लें।

उत्तर प्रदेश लोक जनजाति एवं संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्यों को सभी के समक्ष रखा तथा कार्यक्रम के संयोजक संगीत नाटक अकादमी के सदस्य डॉक्टर गोपाल कुमार मिश्रा ने सभी का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।