उत्तर प्रदेश में बच्चे good morning-नमस्ते की जगह बोलेंगे यह, स्टूडेंट्स के लिए तैयार है संस्कृत किट

मुरादाबाद में आने वाले दिनों में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब अपने शिक्षकों को “अभिवादनम्” कहकर भी नमस्कार करने की स्वतंत्रता मिलेगी। इस प्रयास का हिस्सा बनते हुए, राज्य हिंदी संस्थान ने प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत की जड़ों को मजबूत करने के लिए कदम उठाया है। नई शिक्षा नीति के अनुसार, अब बच्चों की संस्कृति का अध्ययन भी महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य से, राज्य हिंदी संस्थान, वाराणसी ने “संस्कृत किट बाल-संस्कृत-मंजूषा” कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य संस्कृत की संवेदनशीलता को बढ़ाना है।

इस संदर्भ में, संस्कृत किट में विभिन्न सामग्रियाँ शामिल की गई हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों में संस्कृति की अध्ययनशीलता को बढ़ावा देना है। इस किट में विशेषज्ञता से चुनी गई 27 सामग्रियाँ शामिल हैं, जैसे कि प्रतिज्ञा, बालगीतम्, बालकथा, परिवेशीय चर्चा, फ्लैशकार्ड वैलक्रोपट्टी, आओ दोस्त, जोड़ें चित्र, शब्दों से वर्ण की ओर, आनन्दस्य पाठशाला, संस्कृत शब्द निर्माण, शब्दक्रीड़ा, वर्णानां नामानि, वाक्यनिर्माण-चक्रिका, स्टिक फ्लैशकार्ड, मनोभावा, मेरे अनेक नाम, वार्तालाप, प्रश्नवाचक-शब्दा, सुभाषितानी, कक्षा-कक्ष के अनुमति वाक्य, दिनचर्या, और अन्य।

यह प्रशिक्षण 18 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक विभिन्न जिलों में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सभी जिलों से तीन शिक्षक, एक डायट प्रवक्ता, और दो प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शामिल होंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को संस्कृत की भाषा में प्रवीणता प्राप्त कराना और संस्कृत की संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। यह पहला कदम है जिससे बच्चों को संस्कृत के महत्व को समझाने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से, हम बच्चों को हमारी संस्कृति और भाषा के प्रति गर्व से महसूस कराने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अपनी भाषा के प्रति प्रेम और समर्पण विकसित कर सकें।