इस नवरात्रि में लोगों ने रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी की, कारों से लेकर गैजेट्स तक हर चीज की बिक्री ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया
इस साल की नवरात्रि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफ़ी अहम साबित हुई है। इस त्योहार के दौरान देश भर के बाज़ार खरीदारों से खचाखच भरे रहे और पिछले 10 सालों के बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसकी सबसे बड़ी वजह सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई भारी कटौती थी, जिससे कारों से लेकर टूथब्रश तक, हर चीज़ की कीमतें कम हो गईं। इस कटौती और त्योहारी सीज़न के मेल ने उपभोक्ताओं को खुलकर खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया।
375 वस्तुओं पर जीएसटी कटौती से रोज़मर्रा की वस्तुओं, घरेलू उपकरणों, सीमेंट और ऑटोमोबाइल की कीमतों में कमी आई। इससे परिवारों को अपने वाहनों को अपग्रेड करने, नए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदने और जीवनशैली उत्पादों पर खर्च बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिला। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, इस रिकॉर्ड तोड़ बिक्री के दो मुख्य कारण थे: लंबे समय से दबी हुई उपभोक्ता मांग और जीएसटी दरों में कमी।
बिक्री में 25% से 100% तक की वृद्धि
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी स्लैब में कटौती से उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ा और खरीदारी बढ़ी। नतीजतन, ब्रांड्स और रिटेलर्स की बिक्री में 25% से 100% तक की मज़बूत वृद्धि देखी गई।
ऑटो सेक्टर में बंपर मांग
इस साल नवरात्रि के दौरान ऑटोमोबाइल सेक्टर में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई। मारुति सुजुकी ने 3.5 लाख बुकिंग दर्ज कीं, जिनमें से 2.5 लाख ऑर्डर अभी भी लंबित हैं। कंपनी को त्योहार के अंत तक 2 लाख कारों की डिलीवरी की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 85,000 थी - 2.3 गुना वृद्धि। महिंद्रा एंड महिंद्रा की XUV700 और स्कॉर्पियो N की बिक्री में 60% की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि हुंडई क्रेटा और वेन्यू की मांग भी अच्छी रही।
इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में भी ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई,
रेफ्रिजरेटर, टीवी, वाशिंग मशीन और स्मार्टफोन जैसी वस्तुओं की बिक्री भी बढ़ी। प्रमुख खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि इस बार ग्राहकों ने प्रीमियम ब्रांड्स को ज़्यादा पसंद किया और औसत बिल मूल्य में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
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