विकास के नाम पर देश ने दस वर्षों में 1734 वर्ग कि.मी. जंगल नष्ट हो रहे हैं, सबसे ज्यादा विनाश मध्य प्रदेश में हो रहा

Image 2025 03 25t170326.068

भूपेन्द्र यादव: पिछले दस वर्षों में देश के विभिन्न राज्यों में कुल 1,734 वर्ग किमी क्षेत्र नष्ट हो गया है। जंगलों को काटकर विकास या ‘डेवलपमेंट’ की अनुमति दी गई है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सांख्यिकीय जानकारी देते हुए बताया कि 2014-15 से 2023-24 के बीच वन अधिनियम 1980 के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1.73 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर विकास की मंजूरी दी गई। 

देश में सबसे बड़ा वन क्षेत्र मध्य प्रदेश में है, जो 77,073 वर्ग किलोमीटर है, जहां देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र 358.52 वर्ग किलोमीटर परिवर्तित किया गया है। इसी प्रकार गुजरात में 99.85 वर्ग किमी, ओडिशा में लगभग 244 वर्ग किमी, तेलंगाना में 114.22 वर्ग किमी. और अरुणाचल प्रदेश में 94.95 वर्ग किमी. वन भूमि का उद्देश्य बदल दिया गया है। इतना ही नहीं, इन दस वर्षों में सबसे कम वन वाले राजस्थान में भी 87.96 वर्ग किमी. वन क्षेत्र को अन्य प्रयोजनों के लिए परिवर्तित कर दिया गया है, अतः महाराष्ट्र में 85 वर्ग किमी., झारखंड में 83.53 वर्ग किमी., छत्तीसगढ़ में 79.25 वर्ग किमी. तथा उत्तर प्रदेश में 70.59 वर्ग किमी. वन क्षेत्र का उद्देश्य बदल दिया गया है। 

 

आश्चर्य की बात है कि हर दो साल में जारी होने वाली भारत वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, देश में वन क्षेत्र बढ़ रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में देश में 6.98 लाख वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र था। वन क्षेत्र 7.15 वर्ग किमी था, जो 2023 में बढ़कर 7.15 वर्ग किमी हो गया। यह हो चुका है।