Reality Show : KBC 17 में जब नेत्रहीन आयुषी ने अमिताभ बच्चन से कहा- सुना है, आप बहुत लंबे और हैंडसम हैं

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News India Live, Digital Desk: Reality Show :  कौन बनेगा करोड़पति' का मंच सिर्फ़ ज्ञान का ही नहीं, बल्कि जज़्बातों और सपनों का भी मंच है। यहां आने वाला हर कंटेस्टेंट अपने साथ एक कहानी लेकर आता है, जो कई बार सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को भी भावुक कर देती है। KBC 17 के हालिया एपिसोड में कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब हॉटसीट पर पहुंचीं मध्य प्रदेश की आयुषी।

आयुषी देख नहीं सकतीं, लेकिन उनके सपनों की उड़ान बहुत ऊंची है। जब वह हॉटसीट पर बैठीं, तो उनकी बातों और आत्मविश्वास ने सिर्फ दर्शकों का ही नहीं, बल्कि खुद अमिताभ बच्चन का भी दिल जीत लिया।

'सुना है, आप लंबे और हैंडसम हैं'

खेल के दौरान आयुषी और मिस्टर बच्चन के बीच ढेर सारी हल्की-फुल्की और दिल छू लेने वाली बातें हुईं। इसी बीच आयुषी ने बड़े ही भोलेपन से अमिताभ बच्चन से कहा, "सर, मैंने आपके बारे में बहुत सुना है।"

इस पर अमिताभ बच्चन ने उत्सुकता से पूछा, "क्या सुना है?"

आयुषी ने जवाब दिया, "मैंने सुना है कि आप बहुत लंबे हैं... और बहुत हैंडसम भी हैं।"

यह सुनते ही 83 साल के अमिताभ बच्चन किसी बच्चे की तरह शर्मा गए और हंस पड़े। स्टूडियो में बैठे दर्शक भी ताली बजाने लगे। मिस्टर बच्चन ने शरमाते हुए आयुषी को शुक्रिया कहा। यह एक ऐसा पल था जिसने KBC के सेट पर माहौल को बेहद खुशनुमा और यादगार बना दिया।

कौन हैं आयुषी?

आयुषी मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं और जन्म से ही नेत्रहीन (Visually Impaired) हैं। लेकिन उन्होंने अपनी इस चुनौती को कभी भी अपनी पढ़ाई या सपनों के आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने अपनी पढ़ाई ब्रेल लिपी में पूरी की है और उनका सपना प्रोफेसर बनकर दूसरे बच्चों को पढ़ाना है। KBC के मंच पर उनका ज्ञान और हर सवाल का आत्मविश्वास से जवाब देने का तरीका काबिले-तारीफ़ था।

शो से जीता बड़ा इनाम

आयुषी ने अपनी सूझबूझ और ज्ञान के दम पर KBC 17 में शानदार खेल दिखाया। उन्होंने एक के बाद एक कई पड़ाव पार किए। हालांकि यह जानकारी सामने नहीं आई है कि उन्होंने कुल कितनी धनराशि जीती, लेकिन यह तय है कि वह यहां से एक बड़ी रकम और ढेर सारी अविस्मरणीय यादें लेकर गई हैं।

आयुषी की कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन में किसी भी तरह की शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो आंखों की रोशनी न होते हुए भी दुनिया जीती जा सकती है।

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