पूरे भारत में हनुमान के कई मंदिर हैं। इन सभी मंदिरों में से कुछ मंदिरों का अलग ही महत्व है। इन मंदिरों में मंगलवार और शनिवार को तो भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन खासकर काली चौदश के दिन यहां सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
श्री पंचमुख अंजनेयर हनुमान, तमिलनाडु
तमिलनाडु में कुंभकोणम नामक स्थान पर श्री पंचमुखी अंजनेयर स्वामीजी (भगवान श्री हनुमान) का एक प्रसिद्ध मठ है। यहां भगवान हनुमान की पूजा ‘पंचमुख’ के रूप में की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान हनुमानजी ने अहिरावण और महिरावण का वध करने के लिए पंचमुखी रूप धारण किया था। इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर, कर्नाटक
कर्नाटक के बेल्लारी जिले के हम्पी में स्थित इस मंदिर को विशेष रूप से मशीनी हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। कुछ विद्वानों का यह भी कहना है कि यह क्षेत्र प्राचीन नगर किष्किंधा का था। इस स्थान का उल्लेख वाल्मिकी रामायण के साथ-साथ रामचरित मानस में भी मिलता है। आज भी यहां कई गुफाएं पाई जाती हैं। इस मंदिर में श्री रामनवमी से तीन दिनों तक विशेष उत्सव मनाया जाता है। अन्य अवसरों पर भी यहां विशेष सजावट की जाती है।
श्री संकटमोचन मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस स्थान का वातावरण बहुत शांतिपूर्ण है इसीलिए यहां बड़ी संख्या में भक्त साधना के लिए आते हैं। मंदिर परिसर में भगवान हनुमान की एक दिव्य मूर्ति दिखाई देती है। हनुमानजी के मंदिर के पास ही भगवान श्री नृसिंह का एक भव्य मंदिर भी स्थित है। हनुमान के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां जो मूर्ति है वह गोस्वामी तुलसीदासजी की तपस्या और पुण्य से प्रकट हुई थी।
डुल्या मारुति, महाराष्ट्र
डुल्या मारुति का एक भव्य मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है। यह मंदिर 350 वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है। पत्थरों से बना यह मंदिर बेहद आकर्षक है। डुल्या मारुति की मूर्ति मूल रूप से काले रंग के पत्थर से बनी है। भगवान हनुमानजी की मूर्ति के पास भगवान गणेश की एक मूर्ति भी स्थापित है। मंगलवार, शनिवार और त्योहार के दिन यहां भक्त आते हैं।
प्राचीन हनुमान मंदिर, नई दिल्ली
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित यह मंदिर बहुत प्राचीन माना जाता है। यह मंदिर भी महाभारत काल का माना जाता है। यहां मौजूद हनुमानजी स्वयंभू हैं। बालचंद्र अंकित शिखर वाला यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। गौरतलब है कि दिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ था, जिसे महाभारत काल में पांडवों ने यमुना नदी के किनारे बसाया था। फिलहाल यहां समय-समय पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।
हनुमान दांडी मंदिर, गुजरात
गुजरात के बेट द्वारका में स्थित यह हनुमान दांडी मंदिर अपने चमत्कार के लिए बहुत प्रसिद्ध हो गया है। हनुमान जी का यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। पहले यहां मकरध्वज (हनुमान पुत्र) की मूर्ति छोटी थी, लेकिन वह मूर्ति और उसके साथ आई हनुमानजी की मूर्ति भी उतनी ही बड़ी हो गई। यहां हनुमानजी और उनके पुत्र मकरध्वज की मूर्तियों के हाथों में कोई हथियार नहीं है और दोनों आनंद मुद्रा में नजर आते हैं। अनुमान है कि यह मंदिर पांच सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। पूरे भारत में यह एकमात्र मंदिर है, जिसमें हनुमानजी और मकरध्वज यानी पिता-पुत्र मिलन को दर्शाया गया है।
श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, गुजरात
गुजरात के बोटाद जिले के सालंगपुर में स्थित भगवान हनुमान का यह मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस मंदिर को सालंगपुर हनुमान के नाम से भी जाना जाता है। यहां प्रतिदिन लाखों तीर्थयात्री आते हैं। उनके दर्शन मात्र से ही भक्त धन्य हो जाते हैं। ज्ञात हो कि गोपालानंद स्वामी ने वर्ष 1905 में आसो वड़ा पंचम के दिन यहां हनुमानजी महाराज की स्थापना की थी। विभिन्न त्योहारों के अलावा हनुमान जयंती पर भी यहां विशेष सजावट की जाती है। यहां हनुमानजी का आशीर्वाद लेने के लिए पूरे भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले लोग भी आते हैं।