अनूपपुर, 9 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशा पर शनिवार को जिला मुख्यालय अनूपपुर एवं तहसील कोतमा व राजेन्द्रग्राम की सिविल कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। 14 खण्डपीठों में 4267 रेफर प्रकरणों मे 388 प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्रीलिटिगेशन के 3300 में 276 प्रकरणों का निराकरण हुआ। आयोजित लोक अदालत में कुल राशि 3,46,84,238 अवार्ड पारित किया गया।
जिला न्यायालय में प्रधान जिला न्यायाधीश रविन्दर सिंह के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक शुक्ला, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज जायसवाल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सेवतिया, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चैनवती ताराम, न्यायिक मजिस्ट्रेट रामअवतार पटेल, न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानी असाटी, न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजली शाह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह, जिला विधिक सहायता अधिकारी दिलावर सिंह सहित अधिवक्ता एवं कर्मचारी, नगरपालिका, विद्युत, बैंक के अधिकारी, पक्षकार उपस्थित रहे।
इस लोक अदालत के लिये जिला न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में कुल 14 खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिसमें राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण, चेक अनादरण से संबंधित प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के द्वारा किया गया।
जिला मुख्यालय, अनूपपुर, तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित 4267 प्रकरणों का रेफर किया गया, जिनमे 388 प्रकरणों का निराकरण हुआ। प्रीलिटिगेशन के 3300 प्रकरण में 276 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। लोक अदालत में कुल राशि 3,46,84,238 अवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत मे आपसी सुलह एवं सामंजस्य के आधार पर आपसी राजीनामा कर पारस्परिक भाईचारा एवं सौहार्द का परिचय दिया।
वैवाहिक मनमुटाव समाप्त कर साथ रहने को राजी हुये दम्पत्ती
कुटुम्ब न्यायालय में लंबित प्रकरण के अनुसार 2019 में विवाह के बाद पति-पत्नी राजी खुशी जीवन व्यतीत कर रहे थे लेकिन मनमुटाव होने के कारण दोनों अलग हो गये। जिसे आयोजित नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर रविन्दर सिंह द्वारा दोनों पक्षों को समझाईश दी जिस पर पति-पत्नी ने साथ रहने पर सहमति व्यक्त की। मामले का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ और दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर एवं मुंह मीठा कर साथ- साथ अपने घर के लिये रवाना हुये।