नई दिल्ली: देशभर के स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार नई पाठ्य पुस्तकों को पढ़ाने की तैयारियों के बीच शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से शिक्षकों के खाली पद जल्द भरने को कहा है। मंत्रालय ने राज्यों से यह अपील ऐसे समय की है जब देश में स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पहले की तुलना में बेहतर हुई है लेकिन अब भी आठ लाख से ज्यादा पद खाली हैं. इनमें से अधिकतर पद प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के हैं, जिनकी संख्या करीब सात लाख है.
हालांकि, शिक्षा मंत्रालय पिछले कई सालों से स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए राज्यों पर लगातार दबाव बना रहा है. इसका असर यह हुआ कि कई राज्यों में स्थिति पहले से सुधरी है, लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात, बंगाल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अभी भी हैं जहां शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं राज्यों को पत्र लिखकर हर स्कूल में छात्र-शिक्षक अनुपात सही रखने का निर्देश दिया गया है. मंत्रालय का कहना है कि इससे स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा. साथ ही राज्य के प्रदर्शन में भी सुधार होगा.
स्कूलों की स्थिति में सुधार
प्राथमिक स्तर पर
वर्ष रिक्तियां
2021-22 10.37 लाख
2022-23 8.92 लाख
2023-24 7.22 लाख
माध्यमिक स्तर पर
2021-22 1.29 लाख
2022-23 1.32 लाख
2023-24 1.24 लाख
किस राज्य में शिक्षकों के कितने पद खाली?
प्राथमिक स्तर पर
राज्य रिक्तियां (लाखों में)
बिहार 1.92
उत्तर प्रदेश 1.42
मध्य प्रदेश 52 हजार
झारखंड 75 हजार
छत्तीसगढ़ 38 हजार
माध्यमिक स्तर पर
बिहार 32 हजार
उत्तर प्रदेश 7 हजार
मध्य प्रदेश 15 हजार
झारखंड पांच हजार