लोकसभा चुनाव का रियल एस्टेट के काम-काज पर पड़ा असर, पहली तिमाही में कमी का अनुमान

नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के दौरान देश के 9 बड़े शहरों में नए घरों की मांग में 13 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है।

रियल स्टेट डाटा एनालिस्ट फर्म प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट में अप्रैल से जून के दौरान देश के 9 प्रमुख शहरों में नए घरों की मांग 97,331 यूनिट रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल इसी अवधि में यानी अप्रैल से लेकर जून की तिमाही के दौरान नए घरों की मांग का आंकड़ा 1,11,657 यूनिट का था। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में नए घरों की मांग पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई। दूसरी ओर, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता में नए घरों की मांग में भारी गिरावट आई है।

प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान नए घरों की मांग में कमी आने की एक बड़ी वजह कुछ दिन पहले संपन्न हुए लोकसभा के चुनाव हैं। चुनावी गतिविधि बढ़ाने के कारण रियल एस्टेट के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ा। खासकर इस दौरान निर्माण कार्य की गति में काफी गिरावट आई, जिसकी वजह से नये घरों की मांग पर काफी असर पड़ा। इस रिपोर्ट में जिन शहरों को शामिल किया गया है, उनमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद के आंकड़े डाले गए हैं।

रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में इस साल करीब 95 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 11,118 नए घरों की मांग होगी। पिछले साल ये आंकड़ा 5,708 यूनिट का था। इसी तरह बेंगलुरु में भी नए घरों की मांग में करीब 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। बेंगलुरु में 2024-25 की पहली तिमाही के दौरान पिछले साल के 11,848 यूनिट की जगह 14,297 यूनिट नए घर बनने का अनुमान लगाया गया है।

दूसरी ओर, पुणे में पिछले साल की तुलना में इस साल 46 प्रतिशत की कमी का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल अप्रैल से जून के दौरान पुणे में 29,261 यूनिट नए घर लॉन्च किए गए थे, जबकि इस साल पहली तिमाही के दौरान ये आंकड़ा 15,568 यूनिट रहने का अनुमान है। इसी तरह हैदराबाद में भी नए घरों की मांग में 36 प्रतिशत की कमी के साथ 18,232 यूनिट की जगह 11,603 यूनिट होने का अनुमान लगाया गया है। कोलकाता में भी नए घरों की मांग पिछले साल के 4,617 यूनिट से 26 प्रतिशत घट कर 3,411 यूनिट होने की संभावना है।