भारत मौसम विभाग (IMD) ने अपने 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर नई उपलब्धियों और प्रगतिशील योजनाओं की शुरुआत की। इस ऐतिहासिक दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए एक प्रभावी वार्निंग सिस्टम विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया।
इस मौके पर पीएम मोदी ने देश को जलवायु परिवर्तन, मौसम विज्ञान और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए IMD की सराहना की। आइए जानते हैं, ‘मिशन मौसम’ और पीएम मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु।
IMD का 150 सालों का सफर: एक परिचय
IMD की स्थापना और उद्देश्य
भारत मौसम विभाग की स्थापना 1875 में की गई थी। यह विभाग मौसम पूर्वानुमान, चक्रवात और मानसून जैसी आपदाओं के प्रति देश को सचेत करने और कृषि, उड्डयन और जलवायु विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराने का काम करता है।
150 सालों का ऐतिहासिक सफर
IMD ने बीते डेढ़ सदी में न केवल देश के वैज्ञानिक तंत्र को मजबूत किया है, बल्कि दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। आज यह विभाग अत्याधुनिक तकनीकों और सैटेलाइट्स के माध्यम से हर छोटे-बड़े मौसम परिवर्तन पर नजर रखता है।
‘मिशन मौसम’ की शुरुआत: क्या है यह योजना?
मिशन मौसम का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया ‘मिशन मौसम’ भारत को जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाने और मौसम विज्ञान के क्षेत्र में नई तकनीकों को बढ़ावा देने की एक महत्वाकांक्षी योजना है।
इस मिशन का उद्देश्य है:
- सटीक मौसम पूर्वानुमान: देश के हर कोने में सटीक और समय पर मौसम की जानकारी पहुंचाना।
- किसानों की मदद: कृषि क्षेत्र को बेहतर फसल योजना बनाने में मदद देना।
- आपदा प्रबंधन में सुधार: प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करना।
- जलवायु परिवर्तन से निपटना: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने और उससे निपटने के लिए प्रभावी नीतियां बनाना।
तकनीकी उन्नति पर जोर
मिशन के तहत IMD को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए नई तकनीकों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और मशीन लर्निंग (ML) जैसे टूल्स का उपयोग किया जाएगा।
भूकंप वार्निंग सिस्टम: पीएम मोदी ने क्या कहा?
भूकंप के प्रति देश को तैयार करने की जरूरत
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं अप्रत्याशित होती हैं और इनसे बचने के लिए वार्निंग सिस्टम विकसित करना समय की मांग है।
आपदा प्रबंधन में सुधार
उन्होंने कहा कि भूकंप वार्निंग सिस्टम से देश को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिल सकती है। यह न केवल लोगों को समय रहते अलर्ट करेगा, बल्कि जान-माल के नुकसान को भी कम करने में मदद करेगा।
वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा
पीएम मोदी ने वैज्ञानिक समुदाय से अपील की कि वे भूकंप पूर्वानुमान की दिशा में और अधिक शोध करें और तकनीकी समाधान खोजें।
पीएम मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु
- IMD की प्रशंसा
पीएम मोदी ने कहा कि IMD ने बीते 150 सालों में देश को मौसम से जुड़ी जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। - जलवायु परिवर्तन पर चिंता
उन्होंने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चिंता जाहिर की और इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत बताई। - मौसम पूर्वानुमान का महत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि सटीक मौसम पूर्वानुमान न केवल कृषि क्षेत्र के लिए बल्कि उद्योगों और आपदा प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। - ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य
पीएम मोदी ने IMD को दुनिया में जलवायु विज्ञान के क्षेत्र में एक ग्लोबल लीडर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया।
IMD की नई उपलब्धियां और योजनाएं
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NCM)
IMD ने अपने 150वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NCM) का उद्घाटन किया। यह केंद्र देश भर में मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए उन्नत तकनीकों से लैस होगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर फोकस
IMD अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए किसानों और आम जनता तक सटीक मौसम अपडेट पहुंचाने की दिशा में काम कर रहा है।
सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
सैटेलाइट्स और डॉपलर रडार का उपयोग करके IMD ने मौसम की निगरानी और पूर्वानुमान में सुधार किया है।
मौसम विज्ञान और आपदा प्रबंधन: IMD की भूमिका
कृषि में IMD का योगदान
IMD द्वारा दिए जाने वाले पूर्वानुमान लाखों किसानों को फसल की बुआई, सिंचाई, और कटाई की सही योजना बनाने में मदद करते हैं।
आपदा प्रबंधन में सफलता
चक्रवात जैसे प्राकृतिक आपदाओं के समय IMD का सटीक पूर्वानुमान लाखों लोगों की जान बचाने में सहायक रहा है।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान
IMD के जलवायु शोध पर्यावरण संरक्षण और नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।