दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होने के बीच वक्फ बोर्ड से जुड़े इमामों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर अपना दबाव बढ़ा दिया है। इमाम अपनी 17 महीने से लंबित वेतन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करना चाहते हैं। बीते एक हफ्ते में यह तीसरी बार है जब इमामों ने केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। हालांकि, उन्हें अब तक मुलाकात का मौका नहीं मिला है।
‘आप’ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी
इमामों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे चुनाव से पहले दिल्ली भर में ‘आप’ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
- इमामों का आरोप:
- पिछले 17 महीनों से वेतन नहीं मिला।
- उन्हें केवल 18 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जा रहा है, जिसे वे मजदूरी से भी कम मानते हैं।
- मौलाना साजिद राशिदी का बयान:
- ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रमुख मौलाना साजिद राशिदी ने कहा,
“तीन दिनों से हम निराश होकर लौट रहे हैं। अरविंद केजरीवाल एक बार मिलने के लिए भी तैयार नहीं हैं।”
- ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रमुख मौलाना साजिद राशिदी ने कहा,
तीन बार प्रदर्शन के बावजूद नहीं हुई मुलाकात
इमामों ने पिछले हफ्ते गुरुवार और शनिवार को भी मुख्यमंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था।
- गुरुवार का घटनाक्रम:
- राशिदी ने कहा कि उन्हें केजरीवाल के पीए ने शनिवार शाम 5 बजे मिलने का समय दिया था।
- लेकिन, उस दिन भी मुलाकात नहीं हो सकी।
- सोमवार का प्रदर्शन:
- सोमवार सुबह, बड़ी संख्या में इमाम फिर से केजरीवाल के आवास के बाहर एकत्रित हुए।
- उनके चेहरे पर निराशा और गुस्सा साफ नजर आया।
इमामों की मुख्य मांगें
- लंबित वेतन का भुगतान:
- 17 महीने का बकाया वेतन जल्द से जल्द दिया जाए।
- वेतन वृद्धि:
- वर्तमान वेतन 18,000 रुपये को मजदूरी से भी कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग।
‘आप’ सरकार पर उठ रहे सवाल
इमामों का यह प्रदर्शन चुनावी समय में ‘आप’ सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
- आरोप:
राशिदी ने कहा, “केजरीवाल सरकार ने हमारी समस्याओं को नजरअंदाज किया है।” - वोट बैंक पर असर:
मुस्लिम समुदाय, जो ‘आप’ का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है, इस मुद्दे पर नाराज हो सकता है।