अमेरिका के साथ-साथ दुनिया भर के कुछ देशों में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अब अमेरिकी प्रणाली ब्रिटेन में भी लागू कर दी गई है। यहां अवैध आप्रवासियों को पकड़कर उनके वतन वापस भेजा जा रहा है। वापस भेजे जा रहे लोग ज्यादातर कार धोने वाली दुकानों और छोटी दुकानों में काम करते थे। ब्रिटेन में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं।
सरकार ने कहा कि नियम सख्त होंगे।
गृह सचिव यवेट कूपर ने कहा है कि आव्रजन नियमों को सख्त बनाया जाएगा। और इसका पालन करना अनिवार्य होगा। कई अवैध आप्रवासी मौजूदा नियमों की अनदेखी करके देश में प्रवेश कर चुके हैं। और अब यह मामला बदल जाएगा। अवैध आप्रवासियों के प्रवेश के बाद उनके शोषण की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। गृह सचिव यवेटे कूपर ने आगे कहा कि वह ऐसे मामलों को पूरी तरह से खत्म करना चाहती हैं। जांच के दौरान यात्रियों के पास से फर्जी दस्तावेज बरामद किये गये। और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ की जा रही सख्त कार्रवाई अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बन गई है। अवैध आप्रवासियों को यहां से निर्वासित किया जा रहा है। और उन्हें सैन्य विमानों द्वारा उनके देश भेजा जा रहा है। अब तक बड़ी संख्या में भारतीयों को उनके वतन वापस भेजा जा चुका है। इस मामले को लेकर विरोध भी हुआ है। ब्रिटेन ने भी यही किया है और लगभग 600 अवैध आप्रवासियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 800 स्थानों पर छापेमारी की गई है। यह भारतीयों के लिए एक और बड़ा झटका है।
अवैध अप्रवासियों का लघु व्यवसाय
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने अवैध आप्रवासियों के आंकड़े जारी किए हैं। इस दौरान जुलाई से अब तक 3,000 से अधिक गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। गिरफ्तार किये गये लोग कार धुलाई और छोटी दुकानों में काम करते थे। आने वाले दिनों में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ सकती है। अमेरिका और अब ब्रिटेन में अवैध आप्रवासियों पर कार्रवाई से विदेश जाने के इच्छुक लोगों और वीज़ा एजेंटों में भय पैदा हो रहा है।