दुमका, 21 नवंबर (हि.स.)। गोड्डा के कैदी निमाय चंद्र महतो की गुरुवार की सुबह शौचालय में गिर जाने से उसकी मौत हो गई। घटना मेडिकल कालेज अस्पताल के कैदी वार्ड में घटी है।
जानकारी के अनुसार बीते सात अक्टूबर से कैदी वार्ड में निमाय चंद्र का इलाज चल रहा था। चेहरे पर चोट आने की वजह से घरवालों ने जेल प्रशासन पर हत्या करने का आरोप लगाकर पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया। सच्चाई पता चलने के बाद घर वालों पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए।
गोड्डा के शामपुर निवासी निमाय चंद्र महतो(53) वर्ष 2008 से हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा था। वर्ष 2022 में उसे केंद्रीय जेल में शिफ्ट कर दिया गया। दो माह से वह ब्लड प्रेशर के साथ कई और बीमारी की चपेट में आ गया। जेल के हालत ज्यादा खराब होने पर सात अक्टूबर को उसे अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया।
वह गुरुवार की सुबह शौचालय जाने के क्रम में अंदर गिर गया और चेहरे पर चोट लग जाने से उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन ने इसकी सूचना परिजन एवं उपायुक्त को दी। उपायुक्त के आदेश पर कार्यपालक दंडाधिकारी गौतम मोदी के निगरानी में शव का पोस्टमार्टम हुआ।
मृतक कैदी के भांजा अनिल महतो व भतीजे आशुतोष महतो ने बताया कि सात अक्टूबर को जेल की ओर से फोन कर बताया कि निमाई की तबीयत खराब है। पांच दिन पहले कैदी ने फोन कर बताया कि डेंगू हो गया है। कंबल लाकर दो। कंबल देने के बाद बात की। उस समय चेहरे पर कोई चोट नहीं थी। मौत के बाद शव आकर देखा तो चेहरे पर घाव था। जरूर उसके साथ मारपीट की गई है। भांजा ने जब वार्ड के सुरक्षा कर्मियों से बात की तो पता चला कि सुबह शौचालय जाने के क्रम में गिर गया था। पहले से बीमार था, इसलिए चोट लगने के बाद मौत हो गई। इसके बाद घरवालों का गुस्सा शांत हुआ और पोस्टमार्टम कराकर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गये।
दुमका के अधीक्षक केंद्रीय जेल कुमार चंद्रशेखर ने बताया कि कैदी का वार्ड में उसका इलाज चल रहा था। वार्ड की सुरक्षा का दायित्व जिला बल के जवानों पर है। जेल का इसमें कोई भूमिका नहीं है। घरवालों को कई बार पत्र भेजकर देखभाल के लिए बुलाया गया, लेकिन कोई नहीं आया।